झीरम हमले की जांच रिपोर्ट सार्वजानिक हो – धरमलाल कौशिक

रायपुर। झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुए नरसंहार की जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद इस मसले पर एक बार फिर सियासत गरमाने लगा है। शनिवार को जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने राज्यपाल से मुलाकात कर 10 खण्डों में 4184 पन्नों का रिपोर्ट सौंपा था। इस पर कांग्रेस की ओर से आपत्ति दर्ज की गई थी। इसे लेकर भाजपा ने कहा है कि राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपना कोई गलत नहीं है। कांग्रेस को आगर आपत्ति दर्ज करनी है तो जांच की बिन्दुओं पर करे। इसी के साथ भाजपा ने कहा है कि जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक प्रकाशित होनी चाहिए।

कांग्रेस की आपत्ति पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि उन्हें लगता है कि सरकार को इसमें कोई प्रश्नचिन्ह खड़ा करने की आवश्यकता है। वो जवाब जो है, वो प्रतिवेदन है। उसे सरकार को या राज्यपाल को सौंप सकते हैं, जो महत्वपूर्ण तथ्य है, वो उसमें रिपोर्ट में क्या है? कांग्रेस अगर इस बात पर आपत्ति दर्ज कर रही है तो शायद उन्हें जानकारी हो कि रिपोर्ट में क्या है ? नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने मांग की है कि रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। उसमें कौन से बिंदु जांच में आये है और इसमें कांग्रेस को उसमें क्या आपत्ति है। इसे सार्वजनिक किया जाना चाहिए। चूँकि मुख्यमंत्री हर सेशन में इस पार राजनीति करते आये है। उनकी केंद्र में सरकार थी। तब एनआईए ने इस मामले की जांच की थी। सीबीआई जांच की मांग की थी तो वो हुआ है। फिर जो न्यायिक जांच वो सबसे बड़ी जांच है। इस पर प्रश्न चिन्ह लगाना या अविश्वास जाताना। इससे कहीं न कहीं यह लगता है कि उन्हें इस पर विश्वास नहीं है। इसलिए सार्वजनिक होना चाहिए और किस बिंदु पर आपत्ति है। उस पर चर्चा होनी चाहिए।

बताते चलें कि रिपोर्ट सौंपने के बाद कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने सामान्यतया जब भी किसी न्यायिक आयोग का गठन किया जाता है तो आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपती है। झीरम नरसंहार के लिए गठित जस्टिस प्रशांत मिश्र आयोग की ओर से रिपोर्ट सरकार के बदले राज्यपाल को सौंपना ठीक संदेश नहीं दे रहा है। सुशील आनंद शुक्ला ने कहा जब आयोग का गठन किया गया था तब इसका कार्यकाल 3 महीने का था तीन महीने के लिए गठित आयोग को जांच में 8 साल कैसे लग गया ?

शुक्ला ने आगे कहा है आयोग ने हाल ही में यह कहते हुए सरकार से कार्यकाल बढाने की मांग की थी कि जांच रिपोर्ट रिपोर्ट तैयार नही है इसमें समय लगेगा। जब रिपोर्ट तैयार नही थी आयोग इसके लिए समय मांग रहा था फिर अचानक रिपोर्ट कैसे जमा हो गयी ? यह भी शोध का विषय है। उन्होंने पूछा है कि ऐसा क्या है जो सरकार से छुपाने की कोशिश की जा रही है? कांग्रेस ने राज्य सरकार से झीरम कांड के व्यापक जांच के लिए एक न्यायिक जांच आयोग गठन कर नए सिरे से जांच की मांग की।