अरावली क्षेत्र की पहाड़ियों में दुर्लभ पिंक लेपर्ड दिखा अब तक साउथ अफ्रीका में ही देखा गया…

राजस्थान 07 नवंबर (वेदांत समाचार)। रणकपुर अरावली क्षेत्र की पहाड़ियों में दुर्लभ पिंक लेपर्ड देखा गया है। दावा किया जा रहा है कि राजस्थान में स्ट्रॉबेरी लेपर्ड यानी पिंक वर्जन की साइटिंग भारत में पहली बार हुई है। इससे पहले साउथ अफ्रीका में इस तरह के लेपर्ड की साइटिंग 2012 और 2019 में होने की जानकारी सामने आई थी।

वाइल्फ लाइफ एक्सपर्ट की माने तो यह अल्ट्रा रेयर लेपर्ड है। अब तक केवल इसके बारे में सुना गया था। राजस्थान के अरावली रेंज में इसे कई दिनों तक देखा भी गया है। उदयपुर के वाइल्डलाइफ कंजर्वेटर और फोटोग्राफर हितेश मोटवानी ने पिंक लेपर्ड को अपने कैमरे में कैद किया। उन्होंने बताया कि जब किसी ने यह जानकारी दी कि यहां भी पिंक लेपर्ड देखा गया है, तो वे रणकपुर पहुंचे। इसके बाद इसकी खोज शुरू की। दिन में 9-9 घंटे तक साइटिंग करते, लेकिन यह दिखा नहीं। लगातार 4 दिन तक साइटिंग करने के बाद 5वीं बार इसे देखा गया। मोटवानी बताते हैं कि यह लगभग 5 से 6 साल की मादा लेपर्ड है।

जेनेटिक वैरिएशन से हो जाता है ऐसा कलर :राकेश व्यास
पूर्व मानद वन्यजीव प्रतिपालक और बॉम्बे नेचुरल सोसायटी के सदस्य राकेश व्यास बताते हैं कि देश में पिंक लेपर्ड का यह पहला मामला है। लेपर्ड का कलर जेनेटिक वैरिएशन के कारण बदल जाता है। इससे पहले साउथ अफ्रीका में ऐसे लेपर्ड दिखे हैं। देश में 1910 में व्हाइट लेपर्ड दिखा था। देश में अभी नॉर्मल और ब्लैक लेपर्ड हैं।

यह रंग बहुत कम मिलता है : रिआना टर्नर
साउथ अफ्रीका की वन्यजीव एक्सपर्ट रिआना टर्नर बताती हैं कि पिंक लेपर्ड दुनिया में सबसे दुर्लभ है। पहली बार 2002 में दक्षिण अफ्रीका में दिखा था, फोटो 2012 में सामने आई। दुनिया में आज तक एक दर्जन से भी कम पिंक लेपर्ड दिखे हैं। यह दक्षिण अफ्रीका के उत्तर-पश्चिम प्रांत में देखे गए हैं।

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