6 नवम्बर (वेदांत समाचार)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा दी गई कोरोना की नई लहर की चेतावनी पर एम्स के डॉक्टर और महामारी विज्ञानी डॉ संजय के राय ने कहा कि पहले ही बड़ी आबादी वायरस से संक्रमित हो चुकी है, ऐसे में कोरोना के एक और लहर की संभावना कम ही है. डब्ल्यूएचओ ने पहले यूरोप और मध्य एशिया में बड़े पैमाने पर COVID-19 के लहर की चेतावनी दी थी. WHO ने यह भी कहा कि फरवरी 2022 तक यूरोप और मध्य एशिया में 5,00,000 से अधिक लोगों की मौत (संयुक्त) होने की संभावना है.
संजय के राय ने कहा, ‘जब बड़ी आबादी संक्रमित हो जाती है, तो वायरस की बड़ी लहरों की संभावना नहीं होती है. प्राकृतिक संक्रमण से प्राकृतिक प्रतिरक्षा होती है जिससे मामलों की संख्या में गिरावट आती है. टीकाकरण भी रोग की गंभीरता और मौतों को कम करता है.’
उन्होंने कहा, ‘यह रूस और मध्य एशिया में होगा. वहां संक्रमण की लहर चल रही है, लेकिन फरवरी तक यह कम हो जाएगा. भारत सहित हर जगह ऐसा ही हुआ. यहां बड़ी मात्रा में आबादी संक्रमित हुई, फिर मामले तेजी से घटने लगे. जब भी मामले तेजी से बढ़ते हैं, वे तेजी से घटते भी हैं.’
हालांकि, उन्होंने कहा कि यह संभावना है कि इस क्षेत्र में फरवरी तक मौतों की संख्या 5 लाख के आंकड़े को छू सकते हैं और यहां तक कि टीकाकरण भी बढ़ती मौतों को अचानक रोक नहीं पाएगा. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ वैश्विक मंच पर अपनी विश्वसनीयता खो रहा है.
उन्होंने कहा, ‘डब्ल्यूएचओ विवादास्पद बयान दे रहा है. यह COVID-19 की उत्पत्ति का पता लगाने में सक्षम नहीं है. उन्हें यह समझने में 1.5 साल से अधिक का समय लगा कि प्राकृतिक संक्रमण लोगों को सुरक्षा दे रहे हैं, लेकिन वे अभी भी इसे अधिक महत्व नहीं दे रहे हैं.’
यूरोप और मध्य एशिया में बढ़ते COVID-19 मामलों के बीच, WHO के महानिदेशक, टेड्रोस एडनॉम घेब्येयियस ने गुरुवार को बढ़ते मामलों और मौतों की चेतावनी दी. WHO के अनुसार, यूरोप और मध्य एशिया का हर एक देश COVID-19 के पुनरुत्थान के वास्तविक खतरे का सामना कर रहा है या पहले से ही इससे लड़ रहा है.
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