03 नवंबर (वेदांत समाचार) दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक कारों पर सब्सिडी बंद कर दी है. आगे इसे विस्तार देने की कोई योजना नहीं है. इसकी जानकारी परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दी. अब अगली तैयारी दोपहिया वाहनों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मदद देने की है. ऐसा देखा गया है कि दिल्ली में लोग बिजली से चलने वाली गाड़ियों को तेजी से अपनाते जा रहे हैं और हाल के महीनों में सीएनजी और हाइब्रिड ईंधन के वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन में इजाफा हुआ है. दिल्ली सरकार ने इस दिशा में बिजली गाड़ियों के लिए सब्सिडी का ऐलान किया था.
अभी हाल में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ से कहा कि दिल्ली में इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट को जितना सहयोग (required push) मिलना चाहिए था, उतना दिया गया और अब ध्यान इलेक्ट्रिक गाड़ियों में टू-व्हीलर, माल ढुलाई और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेगमेंट पर दिया जाना है. ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों के सेगमेंट में सबसे ज्यादा संख्या इलेक्ट्रिक रिक्शा और टू-व्हीलर की है.
क्या कहा कैलाश गहलोत ने
कैलाश गहलोत ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ से कहा कि ई-कार के लिए सब्सिडी की जरूरत नहीं है क्योंकि जो लोग गाड़ी खरीदने के लिए 15 लाख रुपये दे सकते हैं, वे बगैर सब्सिडी के 1-2 लाख रुपये ज्यादा खर्च करने के बारे में नहीं सोचेंगे. हमारा ध्यान इस बात पर है कि सब्सिडी का लाभ उन लोगों को दिया जाए, जिन्हें इसकी अधिक जरूरत है. इस वर्ग में ऑटो ड्राइवर, टू-व्हीलर मालिक, डिलिवरी पार्टनर आदि हैं. दिल्ली ईवी पॉलिसी 2020 को पिछले साल अरविंद केजरीवाल सरकार ने अधिसूचित किया था. इसमें शुरू में 1000 कारों को प्रति वाहन 1.5 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई.
दिल्ली में कितनी इलेक्ट्रिक गाड़ियां
एक आंकड़े से पता चलता है कि दिल्ली में अगस्त से अक्टूबर तक 23,000 इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन किया गया. 5,246 दोपहिया और 10,997 ई-रिक्शा शामिल थे. दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए ई-ऑटो रिक्शा और ई-बसों को चलाने का निर्णय लिया है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जुलाई से सितंबर के महीने के बीच, दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग में रजिस्टर कुल वाहनों में से सात प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन थे जबकि सीएनजी वाहन छह प्रतिशत थे. इस अवधि में डेढ़ लाख से ज्यादा गाड़ियां रजिस्टर हुईं जिसमें 7,869 इलेक्ट्रिक वाहन, 6857 सीएनजी वाहन, 7257 सीएनजी और पेट्रोल से चलने वाले वाहन और पेट्रोल और डीजल से चलने वाले 93,091 वाहन थे.
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “हमें अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति के अच्छे नतीजे देखने को मिल रहे हैं और ऐसे वाहनों की अपनाने वालों की संख्या बढ़ रही है. हम दिल्ली को देश की इलेक्ट्रिक वाहन राजधानी बनाना चाहते हैं जो कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सपना है.” दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन नीति अगस्त 2020 में आई थी और तभी से इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ.
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