इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में हेल्थ एण्ड हाईजीन विषय पर आयोजित हुई विशेष कार्यशाला

⭕ बच्चों ने जाना जंक एण्ड पैक्ड फूड्स के दुष्प्रभाव ।

⭕ पूर्व चिकित्सा अधिकारी -डॉ. पी.आर.कुंभकार ने इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों को दिए हेल्दी लाइफ स्टाइल के कई टिप्स ।

⭕ स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है, संतुष्टि सबसे बड़ी संपत्ति है – डॉ. पी.आर.कुंभकार

⭕ अच्छा स्वास्थ्य हममें आत्मविश्वास का संचार करता है -डॉ. संजय गुप्ता ।

कोरबा 3 नवम्बर (वेदांत समाचार)। यह तो हम सभी जानते हैं कि स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन होता है । स्वास्थ्य और स्वच्छता का आपस में बहुत गहरा रिश्ता है । अगर हमारे आसपास स्वच्छता होगी तभी हम स्वस्थ रह पाएंगे । क्योंकि गंदगी हमेशा बिमारियों को जन्म देती है । उचित स्वच्छ आहार ही हमें स्वस्थ रहने में मदद करते हैं । यदि हम स्वच्छ भोजन ग्रहण करेंगें, स्वयं भी स्वच्छ रहेंगें तो कभी भी किसी बीमारी के चपेट में नहीं आएँगें ।

दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में स्वच्छता और स्वास्थ्य विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यशाला में विशेष रूप से चिकित्सा अधिकारी डॉ. पी.आर. कुंभकार जी को आमंत्रित किया गया था । कार्यक्रम की शुरूआत माँ सरस्वती के तैल्य चित्र में मुख्य अतिथि एवं विद्यालय के प्राचार्य के द्वारा माल्यार्पण एंव द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया गया । तत्पश्चात विद्यालय के बच्चों ने मनभावन छत्तीसगढ़ी स्वागत गीत की प्रस्तुति दी । कार्यक्रम में विशेष रूप से आमंत्रित डॉ. पी.आर.कुंभकार ने विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को अनेक प्रकार के उदाहरणों के द्वारा स्वास्थ्य व स्वच्छत का महत्व बताकर स्वस्थ जीवन शैली अपनाने हेतु प्रेरित किया । उन्होंने कहा कि हमें कभी भी जंक फूड का सेवन नहीं करना चाहिए ।जंक फूड हमेशा बीमारी का कारण बनते हैं । हमें अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा फल, दूध, दाल व अनाजों को शामिल करना चाहिए । क्योंकि स्वच्छता का दूसरा स्त्रोत संतुलित और पौष्टिक भोजन है । खाना हमारे स्वास्थ्य को अच्छा रखता है । शुध्द दूध सबसे पौष्टिक भोजन है जो हमें अधिक ऊर्जा प्रदान करता है । अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता बहुत आवश्यक है । हमें केला, पपीता, अमरूद जितने भी मौसमी फल है पर्याप्त मात्रा में खाना चाहिए । हमें याद रखना चाहिए कि हमारा शरीर एक यज्ञ की वेदी है जिसमें हमें सिर्फ अच्छी चीजें अर्पित करनी है अर्थात हम केवल स्वच्छ व प्राकृतिक चीजों का सेवन करें । हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि स्वच्छता ईश्वरीयता के बगल में है । स्वास्थ्य सबसे बड़ा उपहार है और संतुष्टि सबसे बड़ी संपत्ति है । हमें अपनी जिह्वा की लालसा को पूरा करने के लिए कुछ भी खाने से पहले विचार अवश्य करना चाहिए ।

विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि दैनिक दिनचर्या और प्रतिस्पर्धी दुनिया के जीवन में लड़ाई के लिए स्वास्थ्य ही एकमात्र हथियार है । अगर हमारा शरीर स्वस्थ है तो सोचिए हमारे पास दुनिया का बेशकीमती खजाना है। यदि हमारे आसपास के साथ ही साथ हम भी स्वस्थ होते हैं तो हम प्रफुल्लित महसूस करते हैं । प्रत्येक कार्य में हमारा मन लगता है । हमारी कार्य करने की क्षमता बढ़ती है और हममें आत्मविश्वास का संचार होता है । यह हमें याद रहे कि हमारा स्वास्थ्य हमारी स्वयं की व आसपास की स्वच्छता पर ही निर्भर है ।