दिवाली पर इन बीमारियों के मरीज रखें अपना ध्यान, लापरवाही बरतने से बिगड़ सकती है हालत

दिवाली का त्योहार नजदीक है. इस पर्व को मनाते समय खास सावधानी बरतनी चाहिए. डॉक्टरों का कहना है पटाखों (Crackers)  के धुएं और उसकी तेज आवाज से कुछ रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए जरूरी है कि दिवाली के दिन यह लोग घर से बाहर निकलने से परहेज करें और कोई भी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टरों की सलाह लें.

सफरदजंग अस्पताल के डॉक्टर विजय प्रताप बताते हैं कि दिवाली के दिन अस्थमा (Asthma) के मरीजों को बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए. अगर बाहर जा भी रखें हैं तो अपना इन्हेलर साथ रखे. इस बात का भी ध्यान रखें कि धुएं के करीब न जाएं. क्योंकि ऐसा करने से फेफड़ों (Lungs) को नुकसान पहुंचेगा और अस्थमा की समस्या काफी बढ़ जाएगी. दिवाली की रात और उसकी अगली सुबह भी बाहर न निकले. क्योंकि इस दौरान प्रदूषण का स्तर काफी अधिक रहता है.

हृदय रोगी रहें सतर्क

हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अजीत कुमार का कहना है कि हृदय रोगियों को पटाखे फूटते समय सावधानी बरतनी चाहिए. विशेषकर जिन्हें हाल की में हार्ट अटैक आया हो. क्योंकि पटाखों के फटने पर दिल की धड़कन तेज हो जाती है और धमनियां सिकुड़ती हैं. ऐसे में दिल के रोगियों को दिक्कत हो सकती हैं. कई बार ऐसा भी होता है कि तेज आवाज वाला पटाखा फोड दिया जाता हे. इससे भी दिल के मरीजों को काफी परेशानी हो सकती है.

छोटे बच्चों और बुजुर्गों का रखें ध्यान

अपोलो अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार सिंघल ने बताया दिवाली के दिन छोटे बच्चों का ध्यान रखना चाहिए. उन्हें पटाखों से दूर रखना चाहिए. क्योंकि पटाखों के धुएं से बच्चों की आंखों में परेशानी हो सकती है. साथ ही उनको गंभीर एलर्जी होने की भी आशंका रहती है. इसी प्रकार घर के बुजुर्गों का भी ध्यान रखने की जरूरत है.

न करें टूथपेस्ट का प्रयोग

राम मनोहर लोहिया अस्पताल के बर्न वार्ड के डॉक्टर विजय प्रताप बताते हैं कि दिवाली पर पटाखों को जलाते समय काफी सतर्क रहना चाहिए. पटाखों से जलने के बाद शरीर पर टूथपेस्ट का प्रयोग नहीं करना चाहिए. जलने के स्थान पर पानी डालना चाहिए. अगर आंख में पटाखे का कोई कण चला जाए तो उसे रगड़ना नहीं चाहिए. जलने या आंख में कोई भी परेशानी होने पर तुरंत अस्पताल जाना चाहिए. इन बातों के अलावा यह भी जरूरी है कि लोग पटाखे जलाते समय सावधानी बरते.

इन बातों का रखें ध्यान

  • कान में रुई लगाकर पटाखे जलाएं
  • आसपास रेत की बालटी और पानी रखें
  • फूलझडी को खुले में न फेंके
  • छोटे बच्चे बड़ों की देखरेख में ही पटाखें जलाएं
  • बेहद नजदीक से या हाथ में पकड़कर पटाखों को न जलाएं.
  • पटाखा न जलने पर तुरंत उसके पास न जाएं. हो सकता है वह अचानक फट जाए.
  • पटाखों की आवाज से यदि कान सुन्न हो गया है तो तुरंत डॉक्टरों की सलाह लें
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