रतलाम 02 नवंबर (वेदांत समाचार)। धनतेरस से भाईदूज तक पांच दिवसीय दीपोत्सव में श्रद्धालुओं द्वारा दिए जाने वाले जेवर, नकदी, हीरे, मोती की सजावट के लिए विख्यात हुए शहर के माणकचौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर पर इस बार भी सजावट पहले जैसी है, लेकिन लगातार दूसरे साल कोरोना के चलते कुबेर पोटली का वितरण नहीं किया जाएगा। कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर में गत वर्ष की तरह ही दर्शन व्यवस्था बदली गई है। सजावट के लिए नकदी, आभूषण आदि सामग्री देने का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। बड़ी संख्या में सामग्री देने वाले भक्तों का तांता लगा रहा। जिले के अलावा अन्य स्थानों के भक्त मातारानी के दरबार में सजावट के लिए नकदी आदि सामग्री देने पहुंचे।
मंदिर के संजय पुजारी ने बताया कि मंगलवार धनतेरस पर ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर के पट खोले गए और महालक्ष्मी जी की आरती उतारी गई। देर तक सजावट का सिलसिला चलता रहा। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सजावट के लिए नकदी सहित अन्य सामग्री दी है। आज से लगातार पांच दिनों तक श्रद्धालु अनवरत मातारानी के दर्शन कर सकेंगे। दीपोत्सव के दौरान मंदिर के पट बंद नहीं होंगे।
कुबेर पोटली से समृद्धि की मान्यता
धनतेरस पर कुबेर पोटली का मुहूर्त में वितरण मंदिर से किया जाता रहा है। कुबेर पोटली में सीपी, सिक्का, अक्षत आदि सामग्री रहती है। इसे घर में तिजोरी, दुकान के गल्ले में रखने से समृद्धि बनी रहने की मान्यता है। इस वजह से कुबेर पोटली लेने के लिए मंदिर पर भक्तों की लंबी कतार लगती है। वर्ष 2019 में पोटली खत्म होने से महिलाओं ने नाराजगी भी जाहिर की थी। कोरोना संक्रमण के चलते गत वर्ष कुबेर पोटली का वितरण बंद करा दिया गया था, जिसे इस बार भी बंद ही रखा जाएगा।
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