छत्तीसगढ़ सोने की चिड़िया नहीं बन पाई –सिन्हा

कोरबा 1 नवम्बर ( वेदांत समाचार )। सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने छत्तीसगढ़ के स्थापना के 21वीं वर्ष में प्रवेश पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ वासियों को छत्तीसगढ़ स्थापना से यह उम्मीदें लगी थी कि 90 विधानसभा स्तरीय छत्तीसगढ़ प्रदेश खनिज संपदा से संपन्न होने के कारण 1 दिन सोने की चिड़िया के रूप में उभर कर सामने आएगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका क्योंकि छत्तीसगढ़ प्रदेश शनै शनै विकास की ओर अग्रसर हो रही थी अभी भी छत्तीसगढ़ समग्र विकास की ओर नहीं पहुंच सकी पता नहीं किसका नजर लग गया कि छत्तीसगढ़ 50,00,00,000 (पचास हजार करोड़) के कर्जे से दब चुकी है आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के अगली पीढ़ियों के लिए आम जनता की आमदनी बढ़ने विकास की संभावनाएं क्षीण होती जा रही है जिससे हम छत्तीसगढ़ को सोने की चिड़िया के रूप में उभरते नहीं देख पाएंगे।
सिन्हा ने आगे बताया कि अभी भी समय है आम जनता व प्रदेश सरकार चाहे तो छत्तीसगढ़ को सोने की चिड़िया के रूप में देखने के लिए कठिन परिश्रम नैतिकता के साथ कार्य करें तो संभव हो सकता है।