छत्तीसगढ़ लिख रहा है विकास का नया अध्‍याय,एक नवंबर का अजब संयोग..

 रायपुर 1 नवम्बर ( वेदांत समाचार। युवा छत्तीसगढ़ आज संस्कृति से लेकर नई राजधानी यानी नवा रायपुर के लिए विख्यात है। वरिष्ठ इतिहासकार डा. रमेंद्रनाथ मिश्र बताते हैं कि नवंबर का संयोग छत्तीसगढ़ के लिए बेहद खास है। एक या दो नवंबर को मध्य प्रांत के रूप में अस्तित्व में आया। आजादी के बाद एक नवंबर को 1956 को मध्य प्रदेश का राज्य का निर्माण हुआ। फिर एक नवंबर, 2000 को छत्तीसगढ़ का निर्माण हुआ है। रायपुर ने आज विश्व में अपनी अलग पहचान स्थापित कर ली है।ऐसे जानें छत्तीसगढ़ और रायपुर का बदलाव1818 में कल्चुरि वंश के समय रतनपुर मुख्यालय था। अंग्रेजों ने रतनपुर की जगह रायपुर को केंद्र बना लिया। 1854 में यहां कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक मुख्यालय का निर्माण किया। उस समय भी रायपुर का मुख्य बाजार जवाहर बाजार, मालवीय रोड, गोलबाजार, सदरबाजार, पुरानी बस्ती था। जहां पहले खपरैल के घर में दुकानें संचालित होती है। आजादी के बाद रायपुर ने सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक दृष्टिकोण से तेजी से विकास किया है। आज राजधानी के सभी इलाकों में बड़ी-बड़ी इमारत खड़ी हो गई।

रायपुर की स्थापना

इतिहासकारों के मुताबिक 9वीं सदी के बाद से रायपुर शहर का अस्तित्व में आया। राजा रामचंद्र के पुत्र ब्रह्मदेव राय ने रायपुर की स्थापना की थी। इस शहर का नाम ब्रह्मदेव राय के नाम पर रायपुर रखा गया थारायपुर मेंं उच्च शिक्षण संस्थान

छत्‍तीसगढ़ की राजधानी रायपुर-भिलाई के बीच 2016 में आइआइटी की स्थापना हुई। नवा रायपुर में 2015 में ट्रिपल आइटी की स्थापना हुई। वहीं देश के दसवें आइआइएम की स्थापना वर्ष 2010 में रायपुर में हुई। इसके अलावा एक दिसंबर 2005 को एनआइटी का दर्जा मिला। वहीं हिदायतुल्लाह नेशनल ला विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना नवा रायपुर में 2003 में की गई थी। वर्ष 2012 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एम्स रायपुर की स्थापना की गई।