रेडिएशन से बचाएगी गोबर वाली चप्पल, बांस से बनी साइकिल चलाने से नहीं लगेंगे झटके

रायपुर 31 अक्टूबर (वेदांत समाचार) गाय के गोबर को प्रोसेस करके एक चप्पल बनाई गई है। जल्द ही ये बाजार में भी उपलब्ध होगी। इसे तैयार करने वाले रितेश अग्रवाल ने बताया कि केंद्रीय कामधेनू आयोग की रिसर्च के बाद आयोग के अध्यक्ष वल्लभ भाई कथीरिया ने गोबर को रेडिएशन फ्री बताया था। खासकर हमारे मोबाइल फोन से निकलने वाली हानिकारक तरंगों का शरीर पर गहरा असर होता है।

हमने गोबर से चप्पल बनाई है। ये लोगों के पास रहेगी तो शरीर पर रेडिएशन का असर कम होगा। बीपी और शुगर में भी मरीजों को इसका फायदा मिल सकता है। इस पर हम प्रदेश के कुछ एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर ट्रायल कर रहे हैं। गोबर से बनी ये चप्पलें 400 रुपए में बाजार में जल्द ही मिलेंगी।

बांस से बनी साइकिल

बांस से बनी साइकिल

बांस की साइकिल खनिज बचाएगी
दुनिया भर में स्टील या दूसरी धातुओं से साइकिल बनती हैं। बस्तर के कुछ सामज सेवी और पर्यावरण की फिक्र करने वाले युवकों की टीम ने बांस की साइकिल बनाई है। ये साइकिल लोहे के फ्रेम से तैयार होने वाली साइकिल की तरह ही मजबूत है। इसके लिए धातु का इस्तेमाल कम होगा। नॉर्थ ईस्ट और अफ्रीकी देशों में बांस की साइकिल का इस्तेमाल होता है। वहीं से प्रेरणा लेकर जगदलपुर के आसिफ ने इन साइकिल्स को तैयार किया है।

एक साइकिल की कीमत 35 हजार रुपए है। आसिफ का दावा है कि कुछ कंपनियां 50 हजार रुपए में बांस की साइकिल बेचती हैं, बस्तर में बनी साइकिल सबसे सस्ती हैं। 10 सालों तक ये साइकिल मजबूती से चल सकती है। ऑर्डर पर इसे लोगों के लिए तैयार किया जाएगा। आसिफ ने बताया कि मेटल वाली साइकिल को गड्‌ढों वाली सड़क में चलाने पर झटके शरीर तक पहुंचते हैं। बांस लचीला होता है ये झटकों के शरीर पर पहुंचने को कम करने में कारगर है।