बिलासपुर 31 अक्टूबर (वेदांत समाचार) में दिवाली से पहले रात में गांव पहुंचकर अवैध उगाही करने वाले पुलिसकर्मियों की पिटाई करने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिसकर्मी 15 हजार रुपये की मांग कर रहे थे। रकम नहीं देने पर शराब के प्रकरण में फंसाने की धमकी दी जा रही थी। इधर पुलिसकर्मियों की पिटाई करने वाले ग्रामीणों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
जानकारी के अनुसार मामला तखतपुर थाना क्षेत्र के ग्राम परसाकापा के लोधीपारा का है। बीते गुरुवार की रात 8.45 बजे तीन पुलिसकर्मी आकाश निषाद, ओंकार सिंह राजपूत व एक नीलकमल राजपूत गांव पहुंचे। बताया जा रहा है कि इस दौरान पुलिसकर्मी वर्दी में नहीं थे। उन्होंने शराब की अवैध बिक्री करने का आरोप लगाकर दिवाली पर रुपयों की मांग की। ग्रामीणों ने रुपये देने से मना कर दिया। तब उन्हें शराब के केस में फंसाने की धमकी दी गई। इसी बात को लेकर विवाद शुरू हो गया।
इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों को पकड़कर उनकी पिटाई कर दी। दो दिन बाद शनिवार को पुलिस ने सुनियोजित तरीके से इस मामले में अनिल राजपूत, रितेश राजपूत व अन्य ग्रामीणों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा व पुलिसकर्मियों की पिटाई करने का अपराध दर्ज किया गया है। पुलिस ने दो ग्रामीण अनिल व रितेश को गिरफ्तार कर लिया है।
महिलाओं ने कहा 15 हजार रुपये की कर रहे थे मांग
शनिवार को पुलिस की टीम गांव पहुंची थी। इस दौरान कुछ ग्रामीणों को लेकर थाने आ गई। इसमें अनिल व रितेश भी थे। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने मारपीट करने वालों के रूप में उनकी पहचान की। फिर आनन फानन में उनके खिलाफ अपराध दर्ज करते हुए गिरफ्तार भी कर लिया। इस दौरान ग्रामीणों के साथ थाने पहुंची महिलाओं ने बताया कि पुलिसकर्मी 15-15 हजार रुपये की मांग कर रहे थे। महिलाओं ने पुलिसकर्मियों पर अभद्र भाषा का उपयोग करने का भी आरोप लगाया है। इस पर ग्रामीणों ने अपने घर की तलाशी लेने की बात भी कही। लेकिन, पुलिसकर्मी दुर्व्यवहार करने लगे।
पुलिस ने FIR में बताया वारंटी पकड़ने गए थे जवान
तखतपुर पुलिस के अनुसार आरक्षक आकाश निषाद ने थाने में एक लिखित शिकायत दिया है। इसमें बताया गया है वह थाना प्रभारी के आदेश पर 28 अक्टूबर की रात आरक्षक ओंकार सिंह राजपूत के साथ कुटुंब न्यायालय व जेएमएफसी कोर्ट के वारंटी आत्माराम लोधी के संबंध में पूछताछ कर रहे थे। इस दौरान वहां खड़े 4-5 ग्रामीणों ने महुआ शराब पकड़ने आने की बात को लेकर चिल्लाने लगे। पुलिसकर्मियों का आरोप है कि इस दौरान ग्रामीणों ने गाली-गलौज शुरू कर दिया। उनके मना करने पर ग्रामीणों ने धक्कामुक्की करते हुए पिटाई कर दी। इस पर उन्होंने आरक्षक नीलकमल राजपूत को बुलाया। तब ग्रामीणों ने नीलकमल के साथ भी मारपीट कर दी। पुलिसकर्मियों ने मोबाइल में तोड़फोड़ करने का भी आरोप लगाया है।
बिना वर्दी के पहुंचे थे गांव, दो दिन बाद दर्ज कराई FIR
पूरे पूरे घटनाक्रम में पुलिसकर्मियों की भूमिका पर सवाल उठ रहा है। क्योंकि पुलिसकर्मियों ने गुरुवार की रात हुई इस घटना की रिपोर्ट शनिवार की रात दर्ज कराई है। यह अलग बात है कि पुलिस ने आरक्षक से शिकायत आवेदन पर अपराध दर्ज करने की बात कही है। दरअसल, शनिवार को पुलिसकर्मियों के अवैध उगाही व मारपीट की बातें उठने लगी थी। लिहाजा, आरक्षकों ने अपनी करतूतें छिपाने के लिए FIR दर्ज करा दी। इस मामले में थाना प्रभारी ने भी उनका साथ दिया और पुलिस अफसरों को इसकी जानकारी तक नहीं दी।
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