ग्वालियर अकादमी से लेफ्टिनेंट की मानद उपाधि लेकर लौटी अनिता का भव्य स्वागत

0 कमला नेहरू महाविद्यालय की एनसीसी प्रभारी का हुआ सम्मान

कोरबा। ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी ग्वालियर से लौटीं कमला नेहरू महाविद्यालय की एनसीसी प्रभारी अनिता यादव का कॉलेज परिवार ने भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने ग्वालियर अकादमी में तीन माह की कठिन ट्रेनिंग प्राप्त कर लेफ्टिनेंट की मानद उपाधि हासिल की है। कॉलेज के प्राचार्य डा प्रशांत बोपापुरकर के नेतृत्व में नेशनल कैडेट कोर्प्स के छात्र-छात्राओं ने लेफ्टिनेंट अनिता के महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर पहुंचते ही पायलेटिंग कर स्वागत किया। इसके बाद वे अपने कैडेट्स की अगुआई में कॉलेज परिसर में दाखिल हुईं। प्राचार्य कक्ष के बाहर डा बोपापुरकर व अधीनस्थ प्राध्यापकों समेत पूरे महाविद्यालय परिवार ने अनिता को पुष्पगुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया।

कमला नेहरू महाविद्यालय के प्राचार्य डा प्रशांत बोपापुरकर ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारी संस्था के लिए गर्व का क्षण है, जो महाविद्यालय परिवार के एक सदस्य ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर गौरवान्वित होने का अवसर दिया है। निश्चित तौर पर लेफ्टिनेंट अनिता के अनुभव का लाभ महाविद्यालय के छात्र छात्राओं को मिलेगा और वे भारतीय रक्षा संस्थाओं में करियर की ओर अग्रसर होने का मार्ग प्रशस्त होगा। लेफ्टिनेंट अनिता को पहली बार ऑफिसर की कड़क वर्दी में देख उनके कैडेट्स काफी उत्साहित नजर आए। उन्होंने ट्रेनिंग के दौरान मिले अनुभव साझा कर कैडेट्स का मार्गदर्शन किया। अनिता कमला नेहरू महाविद्यालय के बीएड विभाग में सहायक प्राध्यापक भी हैं। उनके स्वागत एवं सम्मान के इस कार्यक्रम के दौरान प्रमुख रूप से बीएड के विभागाध्यक्ष डा अब्दुल सत्तार, सहायक प्राध्यापक खुशबू राठौर, अंजू खेस, प्रीति द्विवेदी, अंगेत सोनी, अधीक्षक गोपाल शरण शर्मा, लिपिक अमृत श्रीवास्तव……..उपस्थित रहे। एनसीसी कैडेट्स में हंसिका, आस्था, खुशबू, रामेश्वरी नई पायलेटिंग की। इस अवसर पर सीनियर अंडर ऑफिसर गोविंद यादव,
सार्जेंट अभिषेक सिंह, कार्पोरल शुभम राजवाड़े, प्रकाश मन्नेवार, सूरज जेना, कमल किशोर साहू समेत 23 छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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ओटीए की कठिन ट्रेनिंग जीवन का रोमांचक अनुभव
कमला नेहरू महाविद्यालय की एनसीसी प्रभारी लेफ्टिनेंट अनिता यादव ने बताया कि एनसीसी को सेकेंड लाइन ऑफ आर्मी यानी सेना की दूसरी पंक्ति कहा जाता है। तीन माह की उनकी ओटीए की ट्रेनिंग काफी टफ रही। इस दौरान उन्हें वह सब सीखने को मिला, जो नेशनल कैडेट कोर्प्स के छात्र सैनिकों को कॉलेज और विभिन्न एनसीसी शिविरों में भाग लेकर जानने और सीखने मिलता है। इनमें ड्रिल की बारिकियां, वर्दी का अनुशासन, हथियारों को खोलने-जोड़ने, चलाने व मेनटेनेंस करने की विधियां शामिल हैं। खासकर बंदूकों की फायरिंग और इनसे जुड़ा प्रशिक्षण जीवन का एक रोमांचक अनुभव रहा।

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