पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी की परेशानी बढ़ा दी है। देश के अधिकतर शहरों में पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर के स्तर को पार कर लिया है। वहीं, कई शहरों में डीजल के भाव भी 100 रुपए से ज्यादा हो गए हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का ये सिलसिला आगे भी जारी रहने की आशंका है।
क्यों है आशंका: दरअसल, मार्केट स्टडी और साख निर्धारण करने वाली कंपनी गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें अगले साल तक 110 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच जाएंगी। ये मौजूदा स्तर 85 डॉलर प्रति बैरल से 30 फीसदी अधिक है। अनुमान के मुताबिक कच्चे तेल की कीमत 147 डॉलर प्रति बैरल के ऑल टाइम हाई लेवल को भी टच कर सकती है।
कच्चे तेल की कीमतों का ये लेवल साल 2008 में था। ये वो वक्त था जब दुनिया आर्थिक मंदी की चपेट में थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर ऐसा होता है तो पेट्रोल की कीमत 150 रुपए तक जा सकती है। वहीं, डीजल की बात करें तो भाव 140 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच सकता है। हालांकि, गोल्डमैन सैक्स का ये अनुमान अगले साल के लिए है।
राहत की उम्मीद नहीं: पेट्रोल और डीजल पर सरकार की ओर से राहत की उम्मीद कम ही दिख रही है। पहले से ही जीएसटी के दायरे में लाने के विचार का विरोध हो रहा है। वहीं, केंद्र सरकार टैक्स की कटौती कर अपने राजस्व को कम करने के मूड में नजर नहीं आ रही है। ऐसे में इसका बोझ आम जनता पर पड़ सकता है।
लगातार बढ़ रही कीमतें: बता दें कि देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। गुरुवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 35-35 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 108.29 रुपये प्रति लीटर और डीजल 97.02 रुपये प्रति लीटर के सर्वकालिक रिकॉर्ड स्तर पर बिक रहा है। इस महीने में अब तक 28 दिनों में से 21 दिन तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। पेट्रोल 6.65 रुपये प्रति लीटर और डीजल 7.25 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। बता दें कि जुलाई में पहली बार पेट्रोल का भाव 100 रुपए के स्तर को पार कर लिया था।
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