कोरबा/पाली:- पाली जनपद अंतर्गत बीहड़ वनांचल एवं दूरस्थ ग्राम पंचायत जेमरा के स्थानापन सरपंच भंवर सिंह उइके एवं पंचों ने ग्रामीण स्वच्छ्ता संबंधी चुनौतियों के समाधान के लिए एक बेहतर पहल के रूप में स्थानीय किराना दुकानदारों एवं ग्राम अंतर्गत चैतुरगढ में पूजन सामाग्री बेचने वाले ग्रामीण दुकानदारों को 15वे वित्त योजना से डस्टबिन का वितरण किया गया। साथ ही सरपंच ने दुकानदारों एवं ग्रामीणों को स्वच्छता के मुद्दों के समाधान के लिए बाहरी सहायता या मदद पर निर्भर न रहकर स्वयं से इस दिशा पर ध्यान देने जोर देते हुए स्वच्छता जागरूकता विषय पर बताया कि भारत के संविधान ने 73वे संसोधन के माध्यम से ग्राम पंचायतों को 29 विषयों की जिम्मेदारी सौंपी है। जिसमे स्वच्छ्ता के मुद्दे भी शामिल है। इसलिए ग्राम को स्वच्छ पूर्ण रखना हम सभी का दायित्व है। जो देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्य को पूरा करने में एक सार्थक प्रयास हो सकता है। रोजमर्रा के जीवन में हमें अपने बच्चों को भी साफ- सफाई के महत्व और इसके उद्देश्य के बारे में सिखाना चाहिये। अच्छा स्वास्थ्य किसी के जीवन को बेहतर बना सकता है और वह हमें बेहतर तरीके से सोचने और समझने की ताकत प्रदान करता है तथा अच्छे स्वास्थ्य का मूल- मंत्र भी स्वच्छता है।
स्वच्छता कोई काम नहीं है, जो पैसे कमाने के लिये किया जाए, बल्कि ये एक अच्छी आदत है जिसे हमें अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन के लिये अपनाना चाहिये। जीवन का स्तर बढ़ाने के लिये एक बङी जिम्मेदारी के रुप में हर व्यक्ति को स्वच्छ्ता का अनुकरण करना चाहिये। हमें अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता, पालतू जानवरों की स्वच्छता, पर्यावरण की स्वच्छता, अपने आस- पास की स्वच्छता, और कार्यस्थल की स्वच्छता आदि करनी चाहिये। हमें पेड़ों को भी कतई नहीं काटने चाहिये। क्योंकि पेड़ पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिये काफी मददगार साबित होती है। स्वच्छ्ता अपनाना कोई कठिन कार्य नहीं है। ये दैनिक क्रिया में शामिल है, जो हमें मानसिक, शारीरिक, समाजिक और बौद्धिक रुप से स्वस्थ रखता है। स्वच्छता हेतु मानव/पशु के मल का सुरक्षित निस्तारण, पेयजल का सुरक्षित भंडारण एवं रखरखाव, निजी सफाई, घर की सफाई, भोजन में स्वच्छता, अपशिष्ट जल एवं ठोस अपशिष्ट पदार्थों का सुरक्षित निस्तारण के साथ सामुदायिक स्वच्छ्ता ही मिलकर उठाया गया एक बड़ा कदम है जो ग्राम को स्वच्छ व स्वस्थ रखने में अहम है।
एक छोटा सा बच्चा जब सफलतापूर्वक चलना, बोलना, दौड़ना सीखता है तब उसमें माता- पिता की भूमिका अहम रहती है। जिस भूमिका में स्वच्छता संबंधी आदतों को भी बचपन में ग्रहण कराया जा सकता है। इसलिए बच्चों को स्वच्छता का पालन करने के लिए हर माता- पिता उन्हें बचपन से ही प्रेरित करें। हर व्यक्ति को जरुर समझना चाहिये कि स्वच्छता एक स्वस्थ जीवन और लंबी आयु के लिये बहुत जरुरी होता है, जहां अपने अंदर ऐसे छोटे- छोटे बदलाव अगर ले आएं तो शायद वो दिन दूर नहीं जब पूरा भारत स्वच्छ हो। सरपंच ने यह भी बताया कि ग्राम को स्वच्छ रखने की दिशा पर कार्ययोजना तैयार किया जा रहा है। जिसके तहत आगे भी कार्य किया जाएगा। इस दौरान स्थानापन सरपंच के साथ पंच श्रीमती चमेली बाई, रामेश्वरी देवी, उर्मिला बाई, फगनी बाई, रामायण दास, कृष्ण कुमार, समरित लाल, के अलावा अश्वनी प्रताप, मेलनपाल, चंद्रप्रकाश, रामकुमार, बृजकुमार भी उपस्थित रहे, जिन्होंने भी स्वच्छ्ता अपनाने की दिशा पर ग्रामीणों को जोर दिया।
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