करवा चौथ : सोलह श्रृंगार कर सुहागिनों ने मांगी सुहाग की लंबी उम्र

0 महिलाओं ने रखा व्रत, रात 8 बजे चांद निकलने पर चलनी से पति को देखकर तोड़ा निर्जला व्रत

कोरबा 25 अक्टूबर (वेदांत समाचार) रविवार को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर सुहागिनों ने सर्वार्थ सिद्धि, चंद्राेदय सूर्य प्रधान रोहिणी नक्षत्र में करवा चौथ अखंड सुहाग की मंगल कामना के साथ मनाया। रात करीब 8.23 बजे चंद्रदेव के दर्शन कर महिलाओं ने पूजा शुरू की।

सुहागिनों ने अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रख चौथ माता का पूजन कर चंद्रमा को अर्घ्य दीं। उसके बाद पति का चेहरा देख करवा चौथ का व्रत पूरा कीं। काॅलोनियों में चंद्र पूजा के पूर्व शाम से ही करवा चौथ की कहानियां पंडितों से सुनकर पूजा विधि की शुरुआत की गई। इस दौरान महिलाओं पूजा की थाल सजाकर पहुंची थी। सुहागिनों के साथ करवा चौथ का व्रत कुंवारी युवतियों ने भी रखते हुए करवा चौथ की कहानी सुनी। उसके रात रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत समाप्त कीं। पहली बार करवा चौथ व्रत रखने वाली नव-विवाहिताओं में इस पूजा को लेकर विशेष उत्साह रहा। पूजा में शामिल महिलाएं सोलह श्रंृगार के साथ पहुंची थीं।

सास के हाथों आशीर्वाद स्वरूप सरगी लेकर शुरू किया व्रत
पंजाबी परंपरानुसार करवा चौथ का निर्जला व्रत शुरू करने से पहले वर्तियों को अपनी सास के हाथों सरगी लेनी पड़ती है। यह रस्म रविवार अल सुबह सुहागिनों ने अपनी सास के हाथों से फल, मेवा-मिष्ठान, साड़ी की सरगी ली और फिर निर्जला व्रत शुरू कीं। शाम होते ही पूजा की थाल लेकर गीत गाते हुए पूजा की। अधिकांश नव-विवाहिताओं ने अपना पहला करवा चौथ का व्रत अपने मायके से आए हुए सामान से कीं। पूजा के लिए मायके से वस्त्र, गहने, श्रृंगार का सामान, फल व मिठाइयां आईं थी।

इंदिरा विहार में महिलाओं ने की सामूहिक पूजा


करवा चौथ पर रविवार को इंदिरा विहार विकास काॅलोनी की महिलाओं ने की सामूहिक पूजा की। यहां पर महिलाओं ने करवा चौथ की कथा के साथ पूजा की थाली आपस में बांटी। थाली में दीपक, करवा, चुनरी के साथ मठरी रखी। मठरी पूजा के बाद अपनी सास को देने की परंपरा निभाई। इस अवसर पर काॅलोनी की महिलाएं बड़ी संख्या में पूजा में शामिल रहीं। पंडितों से करवा चौथ की कहानी व्रतियों को सुनाकर पूजा संपन्न करवाई।

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