बिलासपुर 24 अक्टूबर ( वेदांत समाचार ) सिम्स में भारी भरकम वेतन में सात सोशल वर्कर नियुक्त किए गए हैं। इनका मुख्य काम पहुंचने वाले मरीजों की मदद करते हुए हर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। लेकिन इनके नदारद रहने से मरीजों को किसी प्रकार की मदद नहीं मिल पा रही है। ऐसे में सोशल वर्कर सिम्स के लिए सिर्फ सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। वहीं अब इन वर्करों से काम लेने के लिए डीन ने फरमान जारी कर दिया है कि यदि अब ये कार्य के दौरान अनुपस्थित मिले तो सख्त कार्रवाई होगी।
सिम्स में हेल्प डेस्क सेंटर बनाया गया है, जहां पर इन सोशल वर्कर को रहना है और हर मरीज को उपचार कराने में मदद करना है। लेकिन हेल्प डेस्क अक्सर खाली मिलता है। यहां पर लोगों को ओपीडी का पता बताने तक के लिए स्टाफ नहीं मिलता है।
इसकी वजह ओपीडी आने वाले मरीज से लेकर भर्ती मरीज तक को इन सोशल वर्कर का लाभ नहीं मिल रहा है। वहीं सिम्स के नए डीन डा. केके सहारे ने इसे गंभीरता से लिया है और सोशल वर्करों को साफ कर दिया है कि यदि अब ये अपने समय पर ड्यूटी करते हुए नजर नहीं आते हैं तो इन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही हेल्प डेस्क को अपडेट करने के निर्देश दिए हैं।
आपातकालीन स्टाफ सुधारे अपना व्यवहार
डीन डा. केके सहारे ने यह भी निर्देश दिए हैं कि आपातकालीन में काम करने वाले चिकित्सक, नर्स अपने व्यवहार में बदलाव करें, क्योंकि यहां पर हमेशा गंभीर मरीज आते हैं। जहां उन्हें तत्काल उपचार की जरूरत होती है। जहां दुर्व्यवहार या उपचार में कमी होने से मरीज के स्वजन भड़क सकते हैं। ऐसे में विनम्रता के साथ पेश आने की हिदायत दी गई है।
[metaslider id="347522"]