940 संशोधन के बाद जीएसटी की अभी भी कमियां, दूर करना जरूरी

कोरबा 24 अक्टूबर (वेदांत समाचार) । भारतीय उद्योग व्यापार मंडल बैठक में जीएसटी, खाद्य सुरक्षा मानक कानून, कृषि बिल, राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड का गठन समेत अन्य मुद्दों पर मंथन किया गया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अशोक मोदी ने कहा कि जीएसटी लागू होने के पश्चात जीएसटी काउंसलिंग की बैठक में लगभग 940 संशोधन हो चुके है। इसका अर्थ यह है कि अभी भी जीएसटी कमियां हैं, जिसे दूर किया जाना चाहिए। इसलिए जुलाई 2018 से लागू जीएसटी पर व्यापारियों से अब तक लिया गया ब्याज एवं पेनाल्टी के नियमों को वापस लेना चाहिए।

भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, नई दिल्ली की राष्ट्रीय कर्यकारिणी की एक बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई। इसमें 18 प्रदेश के पदाधिकारी उपस्थित रहे। कोरबा से छत्तीसगढ़ के प्रदेशाध्यक्ष अशोक मोदी ने बैठक में शामिल होते हुए खुदरा व्यापार नीति, व्यापारी पेंशन योजना, ई-कामर्स नीति, व्यापारी दुर्घटना पर भी विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कोरोना एवं कर्फ्यू के कारण बंद से जो व्यापारी टैक्स को नही जमा कर पाए, उनके ब्याज व पेनाल्टी को माफ किया जाना चाहिए।

टैक्स पटाने के बाद भी रिटर्न नही भरने के कारण एक अप्रैल से रिटर्न भरने की तिथि तक ब्याज लेना अन्यायपूर्ण है, जिस दिन तक टैक्स जमा किया जा चुका है, वह कम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक देश एक कर के नियम का पालन नही हो रहा है, क्योंकि छह प्रकार के टैक्स स्लेब पर सेस 14 प्रकार का और इस पर सरचार्ज भी इतने प्रकार के होने के कारण व्यापारियों के लिए जीएसटी पूर्णतः अव्यवहारिक है।

मोदी ने कहा कि 80 ब में छूट मात्र 1.5 लाख की है जो कि पिछले आठ वर्षों से है और इसे बढ़ा कर 10 लाख तक किया जाना चाहिए। नई स्लेब के अनुसार 10 लाख तक निरंक रखना चाहिए। उन्होंने व्यापारियों के लिए व्यापारी पेंशन योजना, व्यापारी सामाजिक सुरक्षा योजना, व्यापारी दुघर्टना, जीवन बीमा योजना व व्यापारी कर्ज माफी योजना लागू करने की मांग की।

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]