बिलासपुर 23 अक्टूबर (वेदांत समाचार) : यह पहला अवसर होगा जब कवर्धा में घटित घटना को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में वकालत करने वाले वकीलों ने गंभीरता से लिया है। वकीलों का दल शनिवार को बिलासपुर से कवर्धा के लिए रवाना हुआ है। दल में शामिल उमाकांत सिंह चंदेल ने बताया कि कवर्धा के साथ ही प्रदेश में सामाजिक व सांप्रदायिक सौहार्द्र की स्थिति कायम करे और शांति व्यवस्था बनी रहे इसे लेकर हम सब चिंतित और सजग हैं। आपसी सद्भाव बना रहे इस उद्देश्य से घटना स्थल पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात करेंगे व घटना के संबंध में उनसे खुलकर चर्चा करेंगे।
कवर्धा की घटना ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। हिन्दूवादी संगठनों ने घटना को लेकर जमकर विरोध भी दर्ज कराया है। धरना प्रदर्शन और आक्रोश रैली निकालने की उनकी तैयारी भी थी। हालांकि प्रशासन के हस्तक्षेप और समझाइश के बाद रैली ना निकालने पर संगठनों ने अपनी सहमति जता दी थी और रैली को सभा में तब्दील कर दिया थ
घटना को लेकर समाज का प्रत्येक वर्ग अपनी तरफ से आंकलन भी कर रहा है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में वकालत करने वाले वकीलों ने घटना स्थल पहुंचकर पीड़ितों से मिलने और वस्तुस्थिति की जानकारी लेने का निर्णय लिया है। अपने निर्णय पर अमल करते हुए शनिवार को वकील कवर्धा के लिए रवाना हो गए हैं। दिनभर वे घटना स्थल और आसपास के गांव में जाएंगे।
घटना से जुड़े लोगों के अलावा पीड़ितों से सीधी चर्चा करेंगे। पीड़ितों, स्वजनों व आसपास के लोगों से मिलकर वकीलों का दल तथ्यात्मक विश्लेषण करेंगे। वकीलों का कहना है कि स्वयं को कानून व्यवस्था से जुड़े होने और एक महत्वपूर्ण कड़ी होने के कारण वर्तमान की वास्तविक स्थिति को जानने और जरूरी तथ्य जुटाना अपना दायित्व समझते हैं। इन्हीं तथ्यों के आधार पर घटना की विश्लेषण करेंगे और राज्य शासन को सुझाव भी देंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।
ये वकील दल में हैं शामिल
उमाकांत सिंह चंदेल, हेमंत केशरवानी, सुमित सिंह, मनीष निगम, नीरज कुमार शर्मा, संतोष मौली, दाऊ चंद्रवंशी, अन्न्पूर्णा व गोपा कुमार सहित अन्य वकीलों की टीम कवर्धा रवाना होगी।
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