कोरबा 23 अक्टूबर (वेदांत समाचार) सामाजिक कार्यकर्ता विनोद सिन्हा ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश में प्रशासनिक कसावट की ओर गंभीर दिख रहे हैं, सत्ता परिवर्तन के साथी सभी क्षेत्रों में समग्र क्रांति लानी थी लेकिन प्रदेश सरकार ने 3 वर्ष बाद प्रशासनिक कसावट की ओर चर्चा शुरू कर दी है चर्चा में विशेष रुप से प्रशासन व जनता की दूरियां कम करना, नशे की तस्करी करने वालों पर रोक लगाना, महिलाओं की सुरक्षा व विशेष रुप से सोशल मीडिया पर निगरानी रखना आदि विषयों पर मुख्यमंत्री जी गंभीर दिखे।
सिन्हा ने आगे बताया कि प्रदेश सरकार को सत्ता में आते ही प्रशासनिक कसावट की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए था लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है चिड़िया चुग गई खेत एक कहावत चरितार्थ हो रही है जब विधायिका की लगाम नौकरशाहों पर ढीली हो जाए तो समझ ले वह राज्य सब कुछ खो चुका होगा मुख्यमंत्री सोशल मीडिया पर निगरानी रखने की हिदायत दी है ताकि सोशल मीडिया के माध्यम से सौहार्दपूर्ण वातावरण खराब ना हो लेकिन मुख्यमंत्री जी यह भूल गए केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर गलत या अफवाह फैलाने बालों के लिए फेसबुक से की कार्यवाही करने की मांग की थी अखिल भारतीय कांग्रेस नेताओं ने जोरदार विरोध करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर जनता की जुबान दबाने का प्रयास है क्या छत्तीसगढ़ में भी सोशल मीडिया की जुबान पर रोक लगाने की कवायद हो रही है?
सिन्हा ने आगे बताया कि मुख्यमंत्री जी पहले अपने दल कांग्रेसी जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को नसीहत दे की प्रशासन पर अनावश्यक हस्तक्षेप स्वयं की निजी कार्य ना होने पर जो नियमों के तहत नहीं आता है ऐसे प्रशासनिक अधिकारियों का स्थानांतरण उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाकर कांग्रेसी बता चुकी है कि छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक कसावट हम नहीं लाने देंगे इसलिए माननीय मुख्यमंत्री जी को छत्तीसगढ़ का सर्वांगीण विकास विधि व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं के द्वारा अनावश्यक प्रशासनिक हस्तक्षेप रोके तभी प्रशासनिक कसावट आएगी तथा प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार दूर होगी जब तक प्रशासनिक अधिकारी स्वतंत्र रूप से काम नहीं करते तक तब तक प्रदेश में विधि व्यवस्था जनहित के कार्य प्रभावित होते रहेंगे।
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