एसईसीएल से प्रभावित आवेदिकों को उनके अधिकार दिलाना आयोग की जिम्मेदारी

रायपुर 22 अक्टूबर (वेदांत समाचार) राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए गुरुवार को सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डा. किरणमयी नायक ने कहा कि एसईसीएल से प्रभावित आवेदिकों को उनके अधिकार दिलाना आयोग की जिम्मेदारी है। सुनवाई के दौरान एसईसीएल से संबंधित एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उन्होंने 18 वर्ष तक अपनी जमीन के लिए संघर्ष किया है। छह एकड़ जमीन एसईसीएल द्वारा अधिग्रहित किया गया है।

इसमें तीन एकड़ से कोयला निकाला गया है आयोग में प्रकरण दर्ज करने के बाद सितंबर 2020-2021 में नौकरी के पूर्व की ट्रेनिंग अनावेदकों ने चालू किया है। प्रकरण में अन्य शेष अनावेदकों में से एक आवेदिका का दो एकड़, दूसरी आवेदिका का 58 डिसमिल, तीसरी आवेदिका का 28 डिसमिल का जमीन लीया गई है। यह तीनों आवेदिका साक्षर हैं, इनके साथ अनावेदकों ने नौकरी से संबंधित जो भी दस्तावेज और फाइल बनाई है और उनकी पालिसी से संबंधित सभी दस्तावेज लेकर आगामी सुनवाई में आयोग में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं।

साथ ही किसी भी तरह से आवेदिकों के ऊपर किसी प्रकार का मानसिक दबाव न डाला जाए, इस बात का विशेष ध्यान एसईसीएल को रखने कहा गया। एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदकगण के मकान में रहने देने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया है। क्योंकि वह 4,000 रुपये प्रतिमाह कमाती है, जिससे बच्चों का भरण पोषण, घर का किराया अकेले वहन करना संभव नहीं है।

उसके दोनों बच्चे अनावेदकों के साथ सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक रहते हैं। अनावेदिका को समझाइश दिए जाने पर वह आवेदिका को अपने साथ घर में जगह देने के लिए सहमत नहीं है। आयोग की समझाइश पर अनावेदिका ने समय की मांग की है इस प्रकरण का निराकरण आगामी सुनवाई में किया जाएगा। जनसुनवाई में 20 प्रकरण में 15 पक्षकार उपस्थित हुए और चार प्रकरण नस्तीबद्ध किए गए। शेष अन्य प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया है।

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