दुर्ग 20 अक्टूबर (वेदांत समाचार) । दुर्ग भिलाई सहित आस पास के क्षेत्र में मंगलवार को पैगम्बर हजरत मोहम्मद का यौमे विलादत दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान सुबह लगभग साढे 5 बजे दुर्ग भिलाई के जामा मस्जिद में बाद नमाज फज्र परचम कुशाई की गई और फातेहा पढ़कर दुआऐ की गई। इस दौरान वहां सुबह और शाम अलफजर कमेटी सहित अन्य कमेटियों और लोगों द्वारा शिरनी एवं खीर, मिठाई, चाय का वितरण किया गया।
वहीं दोपहर दो बजे भिलाई के सभी मस्जिद के पास के लोग सेक्टर 6 जामा मस्जिद में एकत्रित हुए जहां से पॉवर हाउस पहुंचकर वहां से शांतिपूर्वक जुलूस निकाला गया जो शाम सवा पांच बजे सेक्टर 6 जामा मस्जिद पहुंचे और यहां शाम को फिर परचम कुशाई की गई एवं बाद नमाज मगरिब कछौछा शरीब से आये मौलाना द्वारा तकरीर का आयोजन किया गया जिसमें मोहम्मद साहब के जीवनी पर रौशनी डालते हुए सभी मुस्लिमों को उनके राह पर चलने, बुराईयों को त्यागने, झूठ नही बोलने एवं एक दूसरे से लोगों को नफरत करने के बजाय आपस में प्यार करने के साथ ही हर इंसान को एक दूसरे की मदद करने सहित मोहम्मद साहब के किरदार को अपने अंदर उतारने की बाद कही। उसके बाद सलातो सलाम पढा गया।
ईद मिलादुन्नबी के मौके पर बहुत ही मुश्किल से शांतिपूर्ण तरीक से जुलूस निकालने की लिए प्रशासन द्वारा अनुमति दी गई। जामा मस्जिद ट्रस्ट द्वारा भी जुमा की नमाज में डीजे का उपयोग नही करने और औरतो को इस कार्यक्रम में शामिल होने से मनाही करने के बाद भी न ही नौजवान मुस्लिक लडके माने और ना ही औरते ही मानी। एक ओर जहां युवाओं ने खूब जमकर धमाल और डीजे का उपयोग कर डीजे और धमाल का धमाल करते हएु जुलूस निकाले और रात्रि 9 बजे तक से दस बजे तक धूम मचाते रहे। वे डीजे और धमाल में इनते मशगुल थे कि उनको यह भी होश नही की नमाज हो रही है, डीजे को और धमाल को मस्जिद के पास बंद कर दे।
बहरहाल यही स्थिति मुस्लिम औरतो की रही यहां आदमियों से अधिक औरते ही औरते नजर आ रही थी, इस्लाम में जितना ही औरतों को पर्दा की बात कही गई है, और ऐसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल नही होने कहा गया है उतना ही औरते नही मानती यही स्थिति आज ईदमिलादुन्नबी के मौके पर भी हुई। यहां बंट रहे लंगर में औरते मर्दो को धकियाते हुए जबरिया घुस घुस कर जहां लंगर से शिरनी लेती रही और पर्दा तो एकदम भूल ही गई थी।
पर ताज दरबार में हुई परचम कुशाई, की गईं दुआएं
भिलाई। पैगंबर हजरत मुहम्मद के यौम ए विलादत (जन्मदिन) पर जश्ने ईद मिलादुन्नबी पूरी शानो शौकत के साथ मनाया गया। इस मौके पर कैम्प-1 साक्षरता चौक के सामने स्थित ताज दरबार भिलाई में परचम कुशाई की रस्म अदा कर लोगों में तबर्रूक तक्सीम किया गया।
ताज दरबार कमेटी की अध्यक्ष हज्जन बदरुनिसा ताजी और गद्दी नशीन मोहम्मद सादिक ताजी की मौजूदगी में पूरा आयोजन कोरोना गाइड लाइन के अनुसार काफी कम लोगों के साथ अंजाम दिया गया। अकीदतमंदों ने परचम कुशाई के साथ लोबान पेश की। परचम कुशाई के बाद पैगंबर हजरत मुहम्मद की शान में सलाम पेश किया गया और फिर मौजूद
जायरीनो एवं पूरे शहर वासियों सहित देश दुनिया के लिए सलामती की दुआएं मांगी गई। इसके बाद ताज दरबार में बाबा ताजुद्दीन औलिया रहमतुल्ला अलैहि के आस्ताने पर पर चादर पोशी की रस्म भी अदा की गई। इस मौके पर बाबा ताज के गुलामों ने अपनी अकीदत पेश कर पूरे देश और दुनिया सहित अपने परिवार के लिए अमन व चैन की दुआएं मांगी।
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