कोरबा 20 अक्टूबर (वेदांत समाचार) । पाली ब्लाक के ग्राम पंचायत धौंराभांठा के नर्सरीपारा प्राथमिक स्कूल में पदस्थ शिक्षक सुनील जायसवाल को पढ़ाने की ऐसी लगन लग चुकी है कि स्कूल बंद होने के बाद उस मोहल्ले में पढ़ाने पहुंच जाते हैं, जहां से अधिक बच्चों की अनुपस्थिति रहती है। बच्चों को अधिक समय दे सकें इसके लिए उन्होने अपनी बाइक में ही ब्लैक बोर्ड लगा लिया है। गाड़ी की डिक्की में दरी और जेब में चाक लेकर चलते हैं। खेल मैदान, पेड़ की छांव, घर का बरामदा कहीं भी हो, जहां चार बच्चे मिल जाएं वहीं दरी बिछाकर कक्षा शुरू कर देते हैं।
सुनील इन दिनों बच्चों को नवोदय परीक्षा के लिए तैयार कर रहे हैं। गांव के अधिक से अधिक बच्चे परीक्षा में चयनित हो इसके लिए वे कड़ी मेहनत कर रहे। शिक्षक सुनील का कहना है कि धौंराभांठा के आसपास रहने वाले ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति कमजोर है, जिसका असर बच्चों की भी पढ़ाई पर भी पड़ता है। बच्चे प्राथमिक और अधिकतम मिडिल कक्षा के बाद स्कूल जाना बंद कर देते हैं।
शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए बच्चों को नवोदय प्रवेश के योग्य बनाने के उद्देश्य से मोबाइल कोचिंग की शुरूवात की है। आवासीय विद्यालय में चयन होने से बच्चे हाई और हायर सेकेंडरी तक पढ़ाई कर सकेंगे। सुनील का कहना है कि बीते वर्ष कोरोन काल के कारण अप्रैल माह में होने वाली नवोदय की परीक्षा नहीं हुई थी। इस लिहाज से अध्यापन के लिए अभी पर्याप्त समय है। नर्सरी पारा में कक्षा पहली से पांचवी तक बच्चों की दर्ज संख्या 41 है।
संख्या कम होने से यदि एक भी बच्चा कम रहा तो तत्काल पता चल जाता है। बच्चों का कोर्स पीछे न रह जाए इसके लिए मोहल्ले में जाकर कक्षा ले रहा हूं। सुनील का कहना है कि स्कूल में बच्चों को खेलन का पर्याप्त समय दिया जाता है। बच्चे अपना अधिकांश समय खेल में न गंवाएं इस लिए उन्हे पढ़ाई के लिए प्रेरित किया जा रहा है। खासकर उन बच्चों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है जो किसी कारणवश स्कूल नहीं आते।
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