विश्व को करूणा और प्रेम की सीख देती है नारी

कोरबा,18 अक्टूबर ( वेदांत समाचार )। ईश्वर ने नारी को अपना प्रतिनिधि बना कर इस धरती पर भेजा है। अपने समस्त गुणों से नारी को युक्त किया है जिसमे प्रेम, करुणा, संवेदना,सद्भावना जैसे भावनाओं के साथ उसे अदम्य शक्तियों से भी ओत-प्रोत किया है। उनके इन्ही गुणो को उभारने,सशक्त बनाने हेतु जिला स्तरीय नारी सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

यह बात सीएसईबी चौक स्थित गायत्री मंदिर में आयोजित नारी सशक्तिकरण कार्यशाला के दौरान शांतिकुंज हरद्वार से पहुंची बहनों ने कही। दो दिवसीय कार्यशाला के पहले शहर के अलावा दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यशाला में अपनी सहभागिता निभाई। शांतिकुंज से पहुंची बहन आशा सुल्तानिया और रोमा साहू ने महिलाओं को संबोधित किया। उन्होने बताया कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के द्वारा गायत्री तीर्थ शान्तिकून्ज के स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्‌य में वर्ष 2021 को शान्तिकून्ज स्वर्ण जयंती के रुप में मनाया जा रहा है। शान्तिकुंन्ज हरिद्वार के तत्वावधान में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में दो दिवसीय जिला स्तरीय नारी सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन दो चरणों में किया जा रहा है। शांतिकुंज से पहुंची बहनों ने बताया कि संस्कार गढ़ने का सबसे अधिक कर्त्तव्य भार माताओं पर ही होता है। जब शिशु मां की गर्भ में आता है तब माता के विचार और कर्म का उस पर पूरा असर होता है।

यह बात विज्ञान सम्मत से भी बढ़कर आध्यात्म सम्मत है। यह हमे नहीं भूलना चाहिए कि जहां से विज्ञान की शक्ति समाप्त होती है वहीं से आध्यात्मिक शक्ति की शुरूवात होती है, और यह बात भी सत्य है कि आध्यात्म के आगे विज्ञान ने भी शीष झुकाया है। विज्ञान के इस युग में हमे अपने आध्यात्मिक संस्कृति को जीवित रखना होगा। संगीतमय नारी सशक्तिकरण कार्यक्रम के समय को अलग अलग घटकों में बांटा गया था। जिसमें आयोजन का उद्देश्य, नारी समस्या एवं समाधान, सशक्तिकरण के उपाय, नारी जागरण आंदोलन, बाल संस्कार, कन्या कौशल, आओ गढें संस्कारवान पीढ़ी शामिल था। इन घटकों के माध्यम से शांतिकुंज की बहनों ने उपस्थित महिलाओं नारी के आध्यात्मिक शक्ति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। आयोजन में कोरबा, कटघोरा, पाली, पोड़ी उपरोड़ा एवं करतला ब्लाक की महिलाएं शामिल हुई। नारी सशक्तिकरण कार्यशाला के दूसरे दिन योगाभ्यास, प्रज्ञायोग, व्यवहारिक कार्ययोजना, स्वास्थ्य संवर्धन, स्वावलंबन की जानकारी दी जाएगी। व्यवहारिक कार्ययोजना के तहत व्यसन मुक्ति, कुरीति उन्मुलन का तरीके पर उद्बोधन दिया जाएगा।

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