विनीत चौहान
बिलासपुर 14 अक्टूबर (वेदांत समाचार) माँ महामाया नगरी रतनपुर की माता रानी के राजसी रूप का दर्शन अद्भुत होता है। महामाया का यह रूप वर्ष मे सिर्फ दो बार दोनो नवरात्रि के नवमी तिथि पर देखने को मिलता है। गुरुवार 14 अक्टूबर 2021 को नवमी तिथि के अवसर पर माँ महा माया देवी का सिद्धिदात्री स्वरूप में स्वर्ण मुकुट,रानी हार,कुंडल, करधन, एवं करीब सवा 2 किलो के छत्र को मिलाकर कुल सवा तीन किलो सोने के आभूषणों से महामाया देवी का राजसी श्रृंगार किया गया। सिद्धिदात्री स्वरूप में माँ के इस दिव्य रूप को देखने गुरुवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं का महामाया मंदिर रतनपुर में तांता लगा है। इस अवसर पर माँ महामाया को 56 प्रकार के नैवैद्य भी अर्पित किये गए तथा सामूहिक पुष्पांजलि अर्पित कर विश्व कल्याण की कामना की गई। 07 अक्टूबर 2021से शुरू हुए शारदीय नवरात्रि के दौरान अष्टमी तिथि पर शुक्रवार 13 अक्टूबर को देवी महामाया की विशेष पूजा के बाद हवन कर पूर्णाहुति दी गई। इसी के साथ मंदिर में सहस्त्र धारा कन्या भोज व ब्रम्ह भोज के साथ शारदीय नवरात्रि पर्व का समापन हुआ।
मंदिर प्रबंधन के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्रि के दौरान 9 दिनों में करीब 10 लाख भक्तो ने माँ महामाया के दर्शन कर अपने अभीष्ट की कामना की। इसी तरह नगर के अन्य प्रसिद्ध मंदिरो जैसे भैरव बाबा मंदिर,लखनी देवी मंदिर,गिरजावन हनुमान मंदिर,तुलजा भवानी मंदिर,सिद्धि विनायक मंदिर,काली मंदिर,रानी मंदिर,एवं रतनपुर बेलगहना मार्ग के ग्राम पोड़ी में शंकराचार्य द्वारा स्थापित प्रसिद्ध मंगला गौरी मंदिर में भी हवन पूजन एवं कन्या भोज के साथ शारदीय नवरात्र सम्पन्न हुआ।
आस्था के प्रतीक जवारे का हुआ विसर्जन
शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि पर रतनपुर कोटा मुख्य मार्ग में इकबीरा पर्वत पर स्थित लखनी देवी (महालक्ष्मी) मंदिर मे भी कन्या पूजन व भोज का आयोजन कर अठवाई चढ़ाया गया । इसके बाद श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर की तराई में स्थित (परिसर) मे बोए गए आस्था के प्रतीक 600 जवारे को भी विसर्जित किया गया।
नवरात्र का समापन हुआ कल दशहरा और 20 दिन बाद दीपावली
नवरात्र के नवमी तिथि पर माँ महामाया मंदिर में देवी मां की सिद्धि दात्री स्वरूप की आराधना व पूजा की गई। इस अवसर पर पूरे दिन जहाँ एक ओर मंदिर परिसर में अनुष्ठान होता रहा वही महामाया धर्मशाला मे कन्या भोज का सिलसिला देर तक अनवरत चलता रहा। शारदीय नवरात्र के समापन के बाद अब लोगो को दशहरा एवं रौशनी तथा धन वैभव का सबसे बडा त्यौहार दीपावली का बेसब्री से इंतज़ार है।
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