नारायणपुर 12 अक्टूबर (वेदांत समाचार)। कुष्ठ मुक्त नारायणपुर बनाने के संकल्प को लेकर कुष्ठ रोगी खोज अभियान जिले में चलाया जा रहा है। इसके तहत खोजी दल ने कुष्ठ मरीजों की खोज, जाँच एवं निगरानी का कार्य किया जा रहा है। बीते वर्ष की तुलना में दोगुने से भी अधिक कुष्ठ मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग ने अधिक सतर्कता बरतते हुए अभियान के दौरान ग्रामो में चौपाल लगा कर लोगो को जागरूक किया जा रहा है।
साथ ही सघन जाँच की माध्यम से छुपे हुए मरीजो की पहचान कर निःशुल्क दवा एवं आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर बी.आर. पुजारी ने बताया, `कुष्ठ रोग की रोकथाम के लिए जिला कुष्ठ दल, मितानिन एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ के सहयोग से, संभावित कुष्ठ मरीजों की खोज की जा रही है और ग्रामो में लोगो को जागरूक किया जा रहा है। वर्ष-2023 तक प्रदेश को कुष्ठ मुक्त बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए व्यापक रूप से यह अभियान चलाया जा रहा है ।
इस दौरान सर्वे कर प्रत्येक व्यक्ति की जांच की जाती है। अभियान के दौरान जिला कुष्ठ अधिकारी डॉक्टर केशव साहू एवं खोजी दल ने ग्रामों में शिविर लगा कर लोगों को कुष्ठ के प्रति जागरूक करने के साथ साथ उनका उपचार भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया, कुष्ठ पोषण की कमी से जुड़ी एक समस्या है। शरीर में पोषण की कमी और रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर कोई व्यक्ति कुष्ठ से ग्रसित हो सकता है। कुष्ठ रोग किसी भी व्यक्ति व किसी भी आयु में हो सकता है।
यह रोग शरीर में किसी भी तरह का दर्द, खुजली का अहसास नहीं कराता है। इस वजह से इसकी पहचान व दाग धब्बों को लेकर लापरवाही की वजह से इलाज नहीं कराने पर 2 से 3 साल बाद शरीर में विकृतियां आ जाती है। इस बीमारी के प्रति जागरुकता ही सबसे बड़ा बचाव है।” जिला कुष्ठ नियंत्रण अधिकारी डॉक्टर केशव साहू ने बताया, “अंधविश्ववास व अज्ञानता की वजह से लोगों में कुष्ठ रोग के प्रति भ्रांति आज भी है। जानकारी के आभाव में त्वचा रोग से ग्रसित मरीज स्वयं दवा दुकानों एवं झोला छाप चिकित्सको से इलाज कराकर पूरी तरह से ठीक नही हो पाते इससे वह अपने करीबियों को ही कुष्ठ से संक्रमित कर रहे हैं। जिले को कुष्ठ मुक्त बनाने को लोगों से लगातार अपील की जा रही है कि कुष्ठ का कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत ही उपचार कराएं।`
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