बलौदाबाजार-भाटापारा 11 अक्टूबर 2021,जिले में 4 से 11 अक्टूबर तक विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के अवसर पर तनाव प्रबंधन कार्यशाला के माध्यम से चिकित्सा स्टाफ को प्रशिक्षित कर तनाव को कम करने का प्रयास किया गया | इसके अतिरिक्त ओपीडी में आ रहे मानसिक समस्या वाले मरीजों की भी खोज की गयी है।
मानसिक स्वास्थ्य पर जन जागरूकता सप्ताह के इस दौरानमानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।इस बारे में जानकारी देते हुये गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ.राकेश प्रेमी ने बताया,’’ जन जागरूकता सप्ताह के दौरान विशेष रूप से आत्महत्या रोकथाम कार्यशाला में गेट कीपर प्रशिक्षण दिया गया जिसमें समुदाय के कुछ चुनिंदा लोगों को आत्महत्या के संबंध में प्रशिक्षित किया गया है। प्रशिक्षण में यह जानकारी दी गयी कि किस प्रकार से किसी व्यक्ति के व्यवहार को समझ कर उसमें आत्महत्या करने के लक्षणों की पहचान कर उसकी रोकथाम की जा सकती है।‘’
बच्चों के लिए जीवन कौशल कार्यक्रम का हुआ आयोजन
बच्चों के लिए जीवन कौशल कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बताए गए 10 प्रकार के जीवन कौशल के संबंध में बताया गया है| यह कौशल बच्चों के मानसिक विकास और व्यवहार को संतुलित करने एवं उनको अच्छा नागरिक बनने को प्रेरित करेगे। इसमें निर्णय लेना , समस्या का समाधान, रचनात्मक सोच, अन्तर्वैयक्तिक संचार, स्वयं की जागरूकता, तनाव का अनुभव और प्रबंधन आदि महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गाय। जीवन कौशल के शिविर में जिले के पुलिस अधीक्षक कल्याण ऐलसेला ने कहा ‘’आपके साथ घर, स्कूल में या बाहर किसी भी प्रकार का बैड टच या फिर गलत कृत्य होता है तो उसे बिल्कुल ना छुपाएँ अपितु अपने माता पिता या किसी करीबी को बता कर पुलिस की मदद अवश्य ले। ऐसा करते हुए हम समाज में बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की रोकथाम कर पाएंगे।“
जिला अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में लगे मानसिक स्वास्थ्य शिविर
जिला अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मानसिक स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया है इस दौरान मानसिक समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए परामर्श, जांच एवं उपचार की व्यवस्था की गयी। शिविर में बच्चों पर फोकस करते हुए उन्हे मानसिक स्थिति को मजबूत करने , समस्याओं के समाधान हेतु पहल करने और तनाव की स्थिति में खुद को संभालने के संबंध में बताया गया। शिविर में जिला सलाहकार डॉ. सुजाता पांडेय ने बच्चों को बताया ’उन्हें किसी भी प्रकार की चिंता नहीं करनी चाहिए एवं अपने तनाव का प्रबंधन करने के लिए माता-पिता या किसी करीबी से अवश्य बात करनी चाहिए। किसी प्रकार का कोई गलत कदम उठाने से बचना चाहिए।
मानसिक स्वास्थ्य शिविर में 380 लोगों की हुई जांच
अक्टूबर माह की 8 तारीख को आयोजित विशेष मानसिक स्वास्थ्य शिविर में जिले में 380 लोगों का परीक्षण किया गया जिसमें साइकोसिस के 2, अवसाद के 5, चिंता के 7, अन्य डिसऑर्डर के 16, अल्कोहल के 9, निकोटिन के 24 नए मरीज मिले हैं। मानसिक रोगों के संबंध में डॉ.प्रेमी कहते है ‘’मुख्य रूप से तीन प्रकार के मानसिक रोगी दिखाई देते हैं इसमें डिप्रेशन, चिंता, घबराहट, नशा जैसे सामान्य मानसिक रोगी हैं । इसके अतिरिक्त साइकोसिस, शिजोफ्रेनिया को गंभीर मानसिक रोग की श्रेणी में रखा गया है जबकि मिर्गी अल्जाइमर डिमेंशिया यह ऑर्गेनिक मानसिक रोग माने जाते हैं । मानसिक रोगी को संवेदना परामर्श और साथ की अत्यंत आवश्यकता होती है। आवश्यक होने पर दवाइयां भी दी जाती हैं जिससे वह ठीक हो जाते हैं।“
स्पर्श क्लीनिक में 5,380 मरीजों की हुई जांच
इस वर्ष अप्रैल से सितंबर तक स्पर्श क्लीनिक में 5,380 मरीजों की जांच की गयी जिसमें से 389 साइकोसिस, 301 डिप्रेशन, 424 चिंता, और 1,670 नशे से संबंधित थे। इन सभी की काउंसलिंग की गई एवं उपचार दिया गया। जिला अस्पताल बलौदाबाजार में मानसिक रोगों के इलाज के लिए अलग से चिकित्सक उपलब्ध हैं जिनसे निशुल्क परामर्श और उपचार लिया जा सकता है। जिला अस्पताल में बुधवार को एक विशेष क्लीनिक भी आयोजित किया जाता है इसके साथ ही हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक भी इस बाबत प्रशिक्षित हैं और उपचार प्रदान करते हैं।
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