बस्तर 10 अक्टूबर (वेदांत समाचार) बस्तर अंचल की प्रमुख आराध्य देवी मॉ दन्तेश्वरी के सम्मान में श्रद्धा पूर्वक लगातार 75 दिवस तक मनाई जाने वाली बस्तर दशहरा पर्व का मुख्य आकर्षण रथ परिक्रमा, मावली परघाव पूजा विधान इत्यादि कार्यक्रम जगदलपुर शहर में दिनांक 19.10.2021 तक अद्वितीय उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया जाता है। इन सभी पूजा विधान कार्यक्रम मे बस्तर संभाग की विभिन्न परघना के मांझी, चालकी, नाईक, पाईक, मेंबर, मेंबरी आदि सेवा कारों द्वारा इस आयोजन के लिये अहम भूमिका निभाई जाती है।
दिनांक 10 अक्टूबर 2021 को बस्तर पुलिस द्वारा दशहरा पर्व में शामिल होने के लिये जगदलपुर पधारे हुये समस्त मांझी, चालकी एवं अन्य सेवा कारों के सम्मान में जगदलपुर के ‘‘मावा आलसना’’ समागृह मे एक भव्य कार्यक्रम का आयोजित किया गया। ‘‘बस्तर ता माटा’’ स्थानीय आदिवासी बोली नामकरण किये गये इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि बस्तर अंचल मे परंपरागत रूप मे समाज के विभिन्न आदिवासी समाज का नेतृत्व एवं प्रतिनिधित्व करने वाले मांझी, चालकी जैसे सम्माननीय जनों से पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रूबरू होकर क्षेत्र की सुरक्षा एवं विकास संबंधी समस्यों के निराकरण की दिशा मे विचार किया गया।
पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज श्री सुरन्दरराज पी. द्वारा बताया गया कि विगत दो वर्षो से बस्तर दशहरा के दौरान आयोजित की जा रही ‘बस्तर ता माटा’ कार्यक्रम के माध्यम से पुलिस एवं क्षेत्रवासियों के बीच संबंध मजबूत एवं मधुर हुये हैं।
उल्लेखनीय है कि ‘बस्तर ता माटा’ कार्यक्रम के दौरान वनांचल क्षेत्र से आने वाले समाज प्रमुखों द्वारा बस्तर क्षेत्र के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं सामाजिक समरसता के महत्व के संबंध में सुझाव दिये गये, जिसे पुलिस द्वारा अपने कार्य प्रणाली एवं शैली में सम्मिलित कर अपनाया जा रहा है।
आज के कार्यक्रम के दौरान पुलिस एवं माझाी, चालकियों द्वारा सिनेमा दिखाये जाने की इच्छा जाहिर करने पर पुलिस द्वारा उन्हे ‘दशरथ मांझी’ के जीवन कथा पर आधारित ‘‘मांझी दा माउन्टेन मेन’’ सिनेमा दिखाया गया।
कार्यक्रम के समापन मे पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज सुन्दरराज पी., पुलिस अधीक्षक, बस्तर जितेन्द्र मीणा, सहायक पुलिस अधीक्षक अंकिता शर्मा एवं अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी द्वारा बस्तर संभाग के समस्त मांझी, चालकियों के साथ सामोहिक भोजन के पश्चात उन्हे कई प्रकार के उपहार भेंट कर उन्हे सम्मानित किया गया।
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