नई दिल्ली : देश के कई राज्यों में कोयले की कमी (Shortage of Coal) के चलते बिजली संकट (Electricity Problem) गहरा गया है. राज्यों के पास कोयले का बहुत कम स्टॉक बचा है. ऐसे में कोयला आधारित थर्मल पॉवर प्लांट के लिए आपूर्ति को सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती है. जिसके बाद ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of Power) हरकत में आया है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह (Minister RK Singh) के आवास पर एक बैठक चल रही है, जिसमें कोयले की कमी से निपटने के लिए इंतजामों पर चर्चा की जा रही है.
बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री आरके सिंह (Energy Minister RK Singh) ने कहा कि दिल्ली में बिजली का कोई संकट नहीं है. हमारे पास कोयले का भरपूर स्टॉक है. संकट को बेवजह प्रचारित किया गया है. कोयले की कमी से देश बड़े बिजली संकट की और बढ रहा है. जल्द ही इस पर काबू नहीं पाया गया तो परिस्थितियां और बिगड़ सकती हैं, जिसके बाद ऊर्जा मंत्रालय हरकत में आया है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के आवास पर निजी बिजली कंपनियों के प्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हो रही है. बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी को लेकर ऊर्जा मंत्री के आवास पर बीएसईबी और टाटा पावर के प्रतिनिधियों और मंत्रालय के अधिकारी शामिल हुए.
थर्मल पॉवर प्लांट्स में कुछ ही दिनों का कोयला बचा है. ऐसे में कई राज्यों ने साफ कर दिया है कि यदि ऐसे ही हालात रहे तो बिजली की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करना मुश्किल होगा. दिल्ली, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्य बिजली का संकट झेल रहे हैं. दिल्ली सरकार ने तो साफ कह दिया है कि अगर कोयला आपूर्ति सुचारू नहीं होती है तो दिल्ली के लोगों को ब्लैक आउट की स्थिति झेलनी पड़ सकती है. दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि राज्य में बिजली संयंत्र कोयला आपूर्ति की संकट झेल रहे हैं. अगर एक-दो दिन में स्थिति सामान्य नहीं हुई तो ब्लैक आउट की स्थिति झेलनी पड़ सकती है. वहीं पंजाब, राजस्थान जैसे राज्य अपने शहरों में बिजली कटौती कर आपूर्ति को सामान्य बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं.
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