इंदौर, 10 अक्टूबर (वेदांत समाचार)। माता जीजाबाई गवर्नमेंट गर्ल्स डिग्री कालेज (ओल्ड जीडीसी) में फीस घोटाला उजागर होने के महीनेभर बाद अब जूनी इंदौर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। शनिवार को पुलिस टीम ने कालेज से जारी रसीद और छात्रा से प्राप्त रसीद का मिलान किया तो पाया कि छात्राओं की रसीद पर बार कोड नहीं है। गड़बड़ी सामने आते ही प्राचार्या ने दोबारा मामले की जांच करने का आश्वासन दिया और सोमवार तक कमेटी बनाने की बात कहीं। उधर कर्मचारी को हटा दिया है। ताकि जांच को प्रभावित न कर सके।
एक अक्टूबर को ‘ओल्ड जीडीसी में फीस घोटाला, थमाई फर्जी रसीद’ शीर्षक से नईदुनिया ने खबर प्रकाशित की और घोटाले को उजागर किया। छात्राओं से जुड़े इस मुद्दे पर शनिवार को एबीवीपी ने भी कालेज और जूनी इंदौर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। नगर मंत्री लकी आदीवाल सहित अन्य छात्रनेताओं ने पुलिस अधिकारी प्रीतम ठाकुर और टीआइ अभय नेमा से मिले। फिर पुलिस ने टीम बनाकर कालेज में जांच के लिए भेजा। प्राचार्या डा. श्री द्विवेदी से टीम मिली और छात्राओं की फीस से जुड़ी रसीद मांगी। तीन रसीद को स्कैन किया तो बार कोड होने से छात्राओं की जानकारी सामने आई गई।
मगर शिकायतकर्ता कनिष्का आर्य से प्राप्त रसीद को स्कैन किया। मगर बार कोड नहीं होने से छात्रा की डिटेल नहीं आई। इसके बाद प्राचार्या ने चार सदस्य कमेटी से दोबारा जांच करवाने का आश्वासन दिया है। जबकि जूनी इंदौर पुलिस के मुताबिक रसीद फर्जी होने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार किया जाएगा।
12 छात्राएं पीड़ित
कनिष्का आर्य के अलावा कालेज की 12 ओर छात्राओं से फीस वसूलकर फर्जी रसीद दी गई है। यह जुलाई में जांच के दौरान सामने आ चुका है। इसके चलते अतुल गौड़ ने 72 हजार रुपये भी कालेज में जमा करवाए और पद से इस्तीफा दे दिया है। पुलिस ने इन छात्राओं की सूची भी कालेज से मांगी है। फर्जी रसीद में बार कोड नहीं, फिर कालेज कमेटी से करवाएंगा जांच
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