रायगढ़ 05 अक्टूबर (वेदांत समाचार) । प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के फर्जी अनुशंसा पत्र के आधार पर सिविल अस्पताल खरसिया में महिला को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। मामले का पर्दापᆬाश एसडीएम द्वारा सील और हस्ताक्षर के साथ अन्य दस्तावेज के फर्जी होने की आशंका पर जांच कराए जाने से हुआ। ठगी के इस मामले में शामिल दो युवक को खरसिया पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
ग्राम तेलीकोट निवासी महिला का परिचय खरसिया के गंजपारा निवासी दिनेश केसरी से था। महिला नौकरी के लिए भागदौड़ कर रही थी। ऐसे में दिनेश केसरी ने महिला को राजनीतिक पहुंच का हवाला देकर नौकरी दिलाने का आश्वसन दिया। आरोपित ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के लेटरहेड की पᆬर्जी कापी इंटरनेट से निकाल लिया और तत्काल नौकरी में रखने के लिए अनुशंसा पत्र महिला को सौंप दिया। इसके लिए दिनेश ने ग्राम सपिया निवासी तामस्कर राठौर का सहयोग लिया। तामस्कर राठौर प्रिंटिंग प्रेस का काम है।
पत्र को लेकर महिला, एसडीएम अभिषेक गुप्ता के उनके दफ्तर में मिली। पुलिस के मुताबिक पत्र को एसडीएम ने पहले व्यस्तता के ध्यान से नहीं देखा लेकिन कुछ दिन बाद दोबारा पत्र उनके संज्ञान में आया तो उन्हें कई तरह की शंका हुई। उन्हें यह बात खटक गई कि स्वास्थ्य विभाग का मामला राजस्व विभाग को क्यों प्रेषित किया गया है। पत्र क्रमांक के आधार पर रायपुर से जानकारी मांगने पर बताया गया कि ऐसा कोई पत्र जारी नहीं हुआ है। इसके बाद एसडीएम ने खरसिया थाने में फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद पुलिस ने खरसिया गंजपारा निवासी दिनेश केसरी और ग्राम सपिया निवासी तामस्कर राठौर विरुद्घ धारा 420, 467, 468, 471, 34 के तहत मामला पंजीबद्घ कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपित का जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता जानकारी के मुताबिक आरोपित दिनेश केसरी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ का कार्यकर्ता है। उसकी पकड़ राजनीति व खरसिया अंचल में ठीक-ठाक मानी जाती है। इसी का लाभ उठाते हुए उसने अपने परिचित महिला को नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा किया।
महिला नौकरी के लिए एसडीएम से उनके दफ्तर में मिली थी। महिला ने स्वास्थ मंत्री की अनुशंसा वाला पत्र प्रस्तुत किया था। वह पत्र पूरी तरह पᆬर्जी था। जांच में मामल पुष्ट हो जाने पर दो लोगों पर कानूनी कार्रवाई की गई है।
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