बिलासपुर: स्कूल पर गिरी बिजली, 6वीं कक्षा के छात्र की मौत, 10 झुलसे, बारिश के चलते हॉल में थे स्टूडेंट

बिलासपुर। स्कूल में आकाशीय बिजली गिरने से 6वीं कक्षा के छात्र की मौत हो गई। वहीं 10 छात्र झुलसे हैं, जिसमें 3 की हालत गंभीर है। घायल बच्चों को सिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया गया कि दोपहर के वक्त सभी बच्चे स्कूल के बाहर लंच कर रहे थे कि बारिश शुरू हो गई। बच्चे हॉल के अंदर चले गए, लेकिन अचानक से कड़की बिजली खिड़की से अंदर तक पहुंच गई। इसकी चपेट में 11 छात्र आ गए। हादसे में एक बच्चे ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। मामला सीपत थाना क्षेत्र का है।

शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।

शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।

सभी बच्चे रोज की तरह मचखंडा स्थित अयूब खान माध्यमिक स्कूल में पढ़ने के लिए गए थे। दोपहर डेढ़ बजे सभी स्टूडेंट्स लंच करने के लिए बाहर बैठे थे। अचानक बारिश शुरू हो गई। बारिश इतनी तेज थी कि बच्चे अंदर हॉल की तरफ चले गए। छात्र खिड़की के आसपास ही बैठे थे। उसी दौरान काफी तेज बिजली कड़की और खिड़की से अंदर घुसी। उसी कड़कती बिजली की चपेट में 11 साल का शिवम और अन्य 10 बच्चे आ गए। शिवम की मौके पर ही मौत हो गई थी।

बच्चों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया।

बच्चों को एंबुलेंस से अस्पताल भेजा गया।

हादसे के बाद आनन-फानन में एंबुलेंस बुलाकर बच्चों को सिम्स अस्पताल ले जाया गया है। बच्चों का उपचार किया जा रहा है। परिजनों को भी इस बात की सूचना दी गई। शिवम के माता पिता ये खबर सुनते ही रोने लगे, पूरे परिवार में मातम पसर गया है। स्कूल के दूसरे बच्चों को भी घर भेज दिया गया। हादसे में चेतन यादव (11), अंजली मरावी (17), रचना, सायरा बानो (11), सोमराज, प्रदीप यादव, मिथिलेश केवट, विकास केवट, भूपेंद्र सिंह, आलिया घायल हुए हैं।

घायल बच्चे का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है।

घायल बच्चे का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है।

क्यों गिरती है बिजली?

आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज है। ऐसा तब होता है, जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं। भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं। जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है। अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है। आकाशीय बिजली में लाखों वोल्ट की ऊर्जा होती है। बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है। बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है।

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