छत्तीसगढ़ सरकार पर बड़ा आरोप, 1500 करोड़ से ज्यादा का चावल घोटाला…

रायपुर 04 अक्टूबर (वेदांत समाचार) । छत्तीसगढ़ में सत्ता पर काबिज कांग्रेस की लगातार एक के बाद एक घोटाले खुलते जा रहे हैं।वैश्विक महामारी कोरोना के समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से भेजे गए चावल में भी कांग्रेस सरकार ने घोटाला किया है। यह आरोप भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने लगाए।

इस दौरान धरमलाल कौशिक ने कहा, भाजपा द्वारा बार-बार ध्यान दिलाने के बावजूद भी कांग्रेस ने यह घोटाला जारी रखा, यह अफसोसनाक है। इस महामारी के दौरान प्रधानमंत्री ने सभी ज़रूरतमंदों तक दो महीने के लिए मुफ्त चावल देने का निर्णय लिया था। महज़ सुर्खियां बटोरने के लिए मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर दो महीने और चावल बढाने की मांग की थी, लेकिन सीधे दीवाली तक सभी ज़रुरतमंदों को मुफ्त चावल देने की घोषणा की। यह तमाम चावल आवंटन कर भी दिया गया, लेकिन अन्य तमाम केन्द्रीय योजनाओं की तरह ही इसका लाभ भी जनता तक पहुचाने के बजाय कांग्रेस हड़प रही है। यह अपने आप में एक बड़ा घोटाला है।

विष्णुदेव साय ने कहा, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत केंद्र से हर महीने 1 लाख 385 टन अतिरिक्त आवंटन किया जा रहा है। प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल प्रति महीने के मान से इससे दो करोड़ से अधिक लोगों को हर महीने यह लाभ मिलना था, लेकिन इसमें से मुश्किल से एक तिहाई लोगों तक यह लाभ पहुंच रहा है। करीब 1.5 करोड़ गरीबों के मूंह से निवाला छीना है।

विधनासभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, विधायक एवं प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा, पूर्व खाद्य मंत्री पुन्नुलाल मोहले समेत भाजपा विधायकों के सवाल के जवाब में शासन ने स्वीकार किया है कि प्रति माह 1 लाख 385 टन अतिरिक्त चावल केंद्र सरकार की तरफ से छत्तीसगढ़ को आवंटित किया जा रहा है।

प्रदेश में प्राथमिकता समूह के राशन कार्ड पर मई से नवम्बर 2021 तक के लिए 5 किलो प्रति सदस्य के मुताबिक 7 लाख मीट्रिक टन से अधिक चावल का आवंटन छत्तीसगढ़ शासन को मिलाए परन्तु उसका लाभ यहां ज़रूरतमंद हितग्राहियों तक कांग्रेस सरकार ने नहीं पहुंचाया हैए इस आवंटन का अधिकांश चावल कांग्रेस खा गयी है।

केंद्र सरकार ने जहां प्रति व्यक्ति प्रति महीने 5 किलो चावल राज्य को दिया, परंतु सरकार ने ऐसे राशन कार्डधारी जिनके परिवार में 1-2 और 3 सदस्य तक हैं, उनको यह अतिरिक्त चावल नहीं दिया। राशनकार्ड धारी हितग्राही को निर्धारित मात्रा से कम खाद्यान्न प्राप्त होने की शिकायत निरंतर प्राप्त हो रही है। यह शेष अनाज कहां जा रहा है, यह जांच का विषय है। यहां तक कि शासन के एक मंत्री ने इस बड़ी ष्गड़बड़ीष् को स्वीकार भी किया था, लेकिन ऐसे घोटाले जारी हैं।

औसतन एक राशन कार्ड पर तीन से चार सदस्य होते हैं, जिसमें 1-2 और 3 सदस्यों तक वाले राशनकार्ड पर यह लाभ नहीं दिया जा रहा है। इस मान से अगर एक मोटा अनुमान लगाया जाय तो लगभग दो तिहाई लोगों के हिस्से का चावल गबन कर लिया जा रहा है। यानी गरीबों के हिस्से का लगभग पांच लाख टन चावल राज्य सरकार हड़प गयी है। इससे पहले भी राज्य शासन ने पंचायतों को दिए एक.एक क्विंटल चावल की कीमत 32 सौ रुपये प्रति क्विंटल वसूल किया था जबकि कांग्रेस उसे मुफ्त देने की बात कर रही थी।

भाजपा ने सरकार से मांग किया है कि केंद्र की तरफ से आवंटित अतिरिक्त चावल दाना.दाना हितग्राहियों तक पहुचाये जाये। अभी तक जो चावल नहीं दिए गए हैं, उसका नगद भुगतान किये जायें। गरीबों का निबाला छीनने वाले इस घोटाले के लिए कांग्रेस प्रदेश की जनता से माफी मांगे। इस घोटाले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच हो। दोषियों को कड़ी सजा मिले। अपने इन मांगों को लेकर और 7.8 अक्टूबर को प्रदेश के राशन दुकानों पर धरना देगी और इससे संबंधित मांगपत्र वहां चिपकायेगी।

इसके अलावा 11.12 अक्टूबर को एसडीएम कार्यालय का घेराव कर ज्ञापन देगी। भाजपा गरीबों के पेट पर इस तरह प्रहार किये जाने को सहन नहीं करेगी। पार्टी इस मामले को लेकर हर स्तर तक जायेगीण् गरीबों को न्याय मिलने तक भाजपा चैन से नहीं बैठेगी।

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