ग्राम चौपाल में लोंगो ने सुनाई अपनी व्यथा, किसी भी सरकार में नही मिल रही न्याय…दर्जन भर से ज्यादा गांवों में अब तक किया गया बैठक, संगठित आंदोलन की बताई जरूरत

कोरबा 29 सितम्बर (वेदांत समाचार) ऊर्जाधानी भुविस्थापित किसान कल्याण समिति द्वारा आमजनों की समस्याओ को सामने लाने के लिए शुरू किए गए ग्राम चौपाल अभियान में ग्रामवासियों की दर्द छलक कर आ रहा है । सन्गठन के द्वारा इसी आधार पर आगामी आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी और लोंगो को उनका अधिकार दिलाने का प्रयास किया जाएगा । अब तक दर्जन भर गांवों में ग्राम चौपाल आयोजित किया जा चुका है ।

इस सबन्ध में जानकारी देते हुए संगठन के मीडिया प्रभारी ललित महिलांगे ने बताया है कि उर्जाधानी सन्गठन ने काफी पहले से जन जन तक पहुंचकर उनकी समस्याओ के लिए सँघर्ष की जरूरत को समझाने और संगठित होकर आंदोलन के महत्व को बताने का बीड़ा उठाया था और इसे ग्राम चौपाल का नाम दिया गया है । ग्राम चौपाल में लोंगो को जागरूक किया जा रहा है शासकीय योजनाओं की जानकारी दी जा रही है और उनकी समस्याएं सुनी जा रही है । जिले के हर ब्लाक स्तर पर इस अभियान के तहत बैठक करने का लक्ष्य निर्धारीत किया गया है । सन्गठन के ओर से कोरबा और पौड़ी उपरोड़ा ब्लाक में गजेंद्र सिंह ठाकर , पाली में रविन्द्र जगत , कटघोरा में बृजेश श्रीवास को ग्राम चौपाल की जिममेदारी दी गयी है । इसकी शुरुआत सन्गठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप द्वारा पौड़ी उपरोड़ा के ग्राम अमलड़िहा से किया गया है । इसी तरह से अमझर , पचधार , जटगा , परला , मड़वाढोडा , घोघरा कूर्द , गरसिया , बांगो , पोड़ी , पाली ब्लाक में मलगांव , सिरकी खुर्द , उड़ता , पुटा , नोन बिर्रा , दर्राखांचा , करतली कटघोरा के ढप ढप , अभयपुर भेजिनारा । में ग्राम चौपाल के तहत बैठक आयोजित किया जा चुका है । हर गांव में लोग मूलभूत सुविधाओं के अभाव लोंगो में है , अपनी समस्याओ के समाधान नही होने से किसानों में गहरा आक्रोश है।

ग्राम चौपाल में प्रमुख रूप से जिन समस्याओ का उल्लेख आया है उसमें राजस्व सबंधी फौती, नामांतरण बंटाकन , मिसल, कृषि संकट बीज खाद , किसान एवं भूमिहीन किसान सम्मान निधि , मनरेगा में व्याप्त धांधली , बकाया मजदूरी, वनभमि कब्जे का पट्टा, प्रधानमंत्री आवास योजना , असंगठित मजदूरों को मिलने वाली सुविधा , स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का शोषण, जंगली एवं आवारा मवेशियों के कारण उतपन्न समस्या , ग्राम पंचायतों के अधिकार का हनन , जिला खनिज फंड का दुरुपयोग , लोक सेवको द्वारा अवैध उगाही आदि मुद्दों पर न्याय नही मिलने के बात सामने आई है । ऊर्जाधानी सन्गठन की ओर से कहा गया है विस्थापन की समस्याओ के साथ ही अब किसान परिवारों की समस्याओ को भी प्रमुखता के साथ संगठित आंदोलन के जरिये लोंगो को न्याय दिलाने का प्रयास किया जाएगा ।