रायपुर 29 सितंबर (वेदांत समाचार) । प्रदेश की सड़कों पर बिना टैक्स पटाये वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। इन वाहनों का करीब तीन सौ करोड़ से अधिक का राजस्व बकाया है। वाहन संचालकों से परिवहन विभाग टैक्स वसूलने में फेल साबित हो रहा है। अब परिवहन विभाग वन टाइम सेटलमेंट नामक स्कीम शुरू करने जा रहा है। इसके तहत वाहन मालिकों से परिवहन विभाग द्वारा जुर्माने की राशि में छूट दी जा रही है। वाहन स्वामी को वाहन का टैक्स और ब्याज की राशि अदा करनी पड़ेगी
वन टाइम सेटलमेंट योजना के बाद भी यदि वाहन मालिक टैक्स जमा नहीं करते हैं तो उनकी सूची बनाकर विभागीय कार्यालय में चस्पा करने के साथ विभाग की वेबसाइट में अपलोड की जाएगी। साथ ही उनके वाहन का पंजीयन रद कर दिया जाएगा। राशि वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी। परिवहन मुख्यालय में मंगलवार को प्रदेश भर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में परिवहन अपर आयुक्त दीपांशु काबरा ने यह निर्णय लिया है। इससे वाहन स्वामियों को काफी लाभ मिलेगा।
ज्ञात हो कि प्रदेशभर में पांच लाख से अधिक संख्या में व्यावसायिक वाहन दौड़ रहे हैं। परिवहन विभाग एक साल में 25 अरब से अधिक का टैक्स वसूलता है। पिछले साल की ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया कि प्रदेशभर के वाहन संचालकों द्वारा कई सालों से टैक्स की राशि जमा नहीं की जा रही है। इस कारण प्रदेशभर में करीब तीन सौ करोड़ बकाया हो गया है।
वाहन स्वामियों को लाभ देने के लिए परिवहन विभाग द्वारा वन टाइम सेटलमेंट स्कीम शुरू कर रहा है। यह स्कीम 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगा। इस स्कीम के अंतर्गत एक अप्रैल 2013 से लेकर 31 दिसंबर 2018 तक के वाहनों से जुर्माना राशि नहीं ली जाएगी। उसके बाद भी यदि वाहन मालिक टैक्स जमा नहीं करेंगे तो इन वाहनों को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।
आनलाइन जमा कर सकते हैं टैक्स
परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया कि विभाग की वेबसाइट पर प्रदेशभर में चलने वाली गाड़ियों तथा उनके स्वामियों के नाम, चालान की डिटेल दर्ज है। वेबसाइट खोलकर वाहन क्रमांक डालने पर वाहन से संबंधित सारी जानकारी सामने आ जाती है। इसमें आनलाइन टैक्स जमा किया जा सकता है।
बकाया राशि ब्याज वसूलने का प्रावधान
छह माह बाद बकाया टैक्स की राशि पर बीस प्रतिशत वार्षिक ब्याज लेने का भी प्रावधान है। राजधानी में बड़ी संख्या में ऐसे वाहन हैं जिनके मासिक और त्रैमासिक टैक्स, शास्ति और ब्याज की राशि काफी अधिक है। यह राशि बड़ी संख्या में ऐसे वाहनों से संबंधित है जो अब संचालन में नहीं हैं। परिवहन विभाग द्वारा वाहन मालिकों को डिफाल्टर सूची से बाहर आने का अवसर दिया जा रहा है। संपूर्ण देय राशि में छूट देने से वाहन मालिक इसका लाभ लेकर एक बार बकाया राशि का भुगतान कर प्रकरण का निराकरण करवा सकेंगे।
वर्जन
प्रदेशभर में करीब पांच लाख व्यावसायिक वाहन हैं, जो सालों से टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं। टैक्स वसूलने के लिए विभाग वन टाइम सेटलमेंट स्कीम शुरू करने जा रहा है।