कोरबा, 29 सितंबर। जी हां बताते चलें अपने प्रकार का यह कोरबा जिले का पहला वाक्या है जब मृतकों को कोरबा जिले के खाद्य विभाग द्वारा मृत राशन कार्ड धारियों को मरणोपरांत भी कई वर्षों से राशन वितरित किया जा रहा हैं, जो कि हर माह विधिवत आहरण भी हो रहा है अब सवाल यह पैदा होता है आखिर मृत् व्यक्तियों तक स्वर्ग बैकुंठ नर्क लोक तक राशन कैसे पहुंचता है कौन और कब लेकर जाता है किस माध्यम से मृत आत्माओं तक राशन पहुंचता है यह वितरण व्यवस्था पर सवालिया निशान उत्पन्न करता है, जिसे बताने के लिए स्वयं जिला खाद्य अधिकारी अक्षम नजर आते हैं सांसारिक मान्यता अनुसार संस्कारिक व्यवस्था अंतर्गत क्वार महीने के पित्र पक्ष में परिजनों द्वारा पितरों को श्राद्ध कर्म तर्पण पिंडदान कर भोज्य पदार्थ अर्पण करने का विधान है।
यह सारा वाकया संस्कार भारती स्वसहायता समूह संलगन मिनी माता स्वसहायता समूह ग्राम पंचायत कोरबी धतूरा ब्लॉक पाली में संचालित उचित मूल्य की दुकान कोरबी का है। मृत व्यक्तियों के राशन कार्ड को राशन दुकान संस्कार भारती स्वसहायता समूह संलग्न मिनी माता स्वसहायता समूह व्दारा राशन कार्डों को जप्त कर लिया जाता है, राशन कार्ड को दुकानदार समूह व्दारा अनैतिक रूप से इस्तेमाल कर राशन गलत तरीके मिलीभगत से आहरित किया जा रहा है।
समूह द्वारा मृतकों के परिजनों को बोला जाता है व्यक्ति मर गया तो उनका राशन कार्ड कटेगा उनको जमा करो बोल के रख लिया जाता है किसी प्रकार की टीका टिप्पणी या चर्चा करने या कोई शिकायत करने जाति सूचक आरोप लगाने गाड़ी में दबा देने जैसी धमकियां दी जाती है सन लिप्त अपराधियों के हौसले बुलंद होने के क्या राज है यह जांच का विषय है। ऐसे गंभीर प्रकरण संज्ञान में आने के बाद जिला खाद्य अधिकारी द्वारा शिथिलता बरती जाना संदेहकारक है।
जबकि आवश्यकता इस बात की है कि जिला प्रशासन जिला पुलिस प्रशासन द्वारा जिला खाद्य वितरण प्रणाली की विधिवत जांच कर दोषी व्यक्तियों को उचित दोस निर्धारित होने पर आहरित खाद्यान्न की भरपाई करवाते हुए न्याय प्रणाली की न्याय प्रियता को कायम रखने सार्थक प्रयास किए जाने चाहिए। जिससे ऐसे अपराधिक कार्यों की पुनरावृत्ति ना हो सके। बिना भय दवाव कोई जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी शिकायत अवगत करा सके। सवाल यह भी उठता है संबंधित स्वसहायता समूह द्वारा और कौन सी अनैतिक गतिविधियां संचालित हैं या अनैतिक कृत्य किए गए सब की विधिवत जांच कर क्षेत्रीय भोले भाले ग्रामीण जनों को उचित न्याय प्रदान की जाए।