बिलासपुर-मुंगेली: यह पूरा मामला नवगठित मुंगेली जिला के सरगांव नगर पंचायत का है जहाँ बदमाशों ने एक पत्रकार पर खुलेआम थाना परिसर के सामने रॉड और डंडे से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। इस घटना में पत्रकार लहूलुहान होकर बेहोश हो गया जिसे मरा समझकर आरोपी फरार हो गए। मुंगेली जिला में बदमाशों के हौसले इतने बुलंद है कि उन्हें क़ानून का कोई डर भय ही नही है । इसीलिए अपराधियों ने थाना परिसर के सामने ही एक पत्रकार को जान से मारने की कोशिश की और पुलिस मुखदर्शक बनकर खड़ी देखते रही ।
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला भूपेश सरकार की नाकामी
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही कांग्रेस के मुखिया द्वारा कहा गया था कि उनके शासनकाल में अपराधियों में शिकंजा कसा जाएगा और छत्तीसगढ़ को अपराध ,भय मुक्त बनाया जाएगा लेकिन ये सब एक जुमला बनकर रह गया है । कांग्रेस के शासन काल मे खुलेआम अपराधी वारदातों को अंजाम दे रहे है ।
प्रदेश भ्रष्ट सरकारी तंत्र, खनन माफिया, जमीन माफिया और अवैध शराब बेचने वाले कोचियों का बोलबाला है औऱ पुलिस सिर्फ मुकदर्शक बनकर तमाशा देख रही है। साथ ही खुद वसूली करने में मस्त हैं तभी तो पहले से एसपी, आईजी और थानेदार को खतरे की आशंका जताते हुए सूचना देने के बाद भी थाना परिसर में ही पुलिस के सामने ताबड़तोड़ हमला हो जाता है। सरगांव के नवभारत के पत्रकार के ऊपर हुआ हमला इसका जीता जागता उदाहरण है ।
सरगांव के आदतन अपराधी राजेश वर्मा ,भुनेश्वर साहू और विजय वर्मा इन तीनो के द्वारा पत्रकार को पहले जान से मारने की धमकी दी जाती है और फिर धमकी को पुलिस के सामने ही अंजाम तक पहुंचाया जाता है। कोशिश की जाती है ।
बता दें कि इसके पहले भी इन तीनो के ऊपर कई आपराधिक मामले दर्ज है। इन्हें कानून का कोई डर भय नही है। इसीलिए ये तीनो आये दिन अपराध को अन्जाम देते रहते है। नवभारत के पत्रकार तीन दिनों से बिलासपुर के सिम्स हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है । इस घटना को लेकर प्रदेशभर के पत्रकारों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है।अब देखना होगा कि पुलिस अपराधियों को उनके किये की सजा दिलायेगी या हमेशा की तरह मामला रफा-दफा कर दिया जाएगा ।
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