कोरबा 26 सितम्बर (वेदांत समाचार) परसा कोल ब्लॉक के आवंटन में भूमि अधिग्रहण, फॉरेस्ट क्लियरेंस, पर्यावरण क्लियरेंस की निर्धारित प्रक्रिया को कोई उल्लंघन नहीं किया गया है। सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। कंपनी ने ग्रमीणों के बीच जाकर फॉरेस्ट क्लियरेंस के लिए वन अधिकार कानून के तहत आवश्यक अनापत्ति प्राप्त की, तथा पर्यावरण क्लियरेंस के लिए प्रत्येक जिले में एक-एक जनसुनवाई की।
खनिज अफसरों के अनुसार, केंद्रीय कोल मंत्रालय द्वारा परसा कोल ब्लॉक छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी को 02 अगस्त 2006 को आवंटित किया गया था, जिसका माइन प्लान और माइन क्लोजर प्लान कोल मंत्रालय द्वारा 19 मई 2014 को एप्रूव्ड किया गया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 25 अगस्त 2014 और 24 सितंबर 2014 को 204 कोल ब्लाकों का आवंटन निरस्त किया गया था, जिसमें परसा कोल ब्लॉक भी शामिल था। इसी क्रम में यह कोल ब्लॉक राजस्थान राज्य विद्युत मंडल (आरआरवीयूएनएल) को 8 सितंबर 2015 को उसके तीन थर्मल पावर प्लांटों की कोयले की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवंटित किया गया। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी द्वारा आवंटन की तिथि से माइन प्लान के लिए स्वीकृत एमओसी तथा माइन क्लोजर प्लान राजस्थान राज्य विद्युत मंडल को स्थानांतरित किया गया।
अधिकारियों ने बताया है कि संचालक भौमिकी एवं खनिकर्म, छत्तीसगढ़ के समक्ष 08 दिसंबर 2015 को लगभग 1252.447 हेक्टेयर में माइनिंग लीज के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया। भारत सरकार द्वारा 13 जुलाई 2017 को राजस्थान राज्य विद्युत मंडल के पक्ष में परसा कोल ब्लॉक की संपूर्ण भूमि और सभी अधिकारों के अधिग्रहण हेतु इसका गजट नोटिफिकेशन किया गया। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 20 सितंबर 2018 को 30 वर्षों की माइनिंग लीज के लिए कोल बियरिंग एक्ट 1957 के अनुसार गजट नोटिफिकेशन किया गया। इस एक्ट के तहत पूरी प्रक्रिया में ग्राम सभा के आयोजन का प्रावधान नहीं है।
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