बिलासपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) जिले की सड़कें खस्ताहाल हैं. इनका ये हाल है कि हाई कोर्ट एक्टिंग चीफ जस्टिस को इन पर पीड़ा व्यक्त करनी पड़ी. इन सड़कों का वास्तविक हाल जानने के लिए उन्होंने हाई कोर्ट से तीन न्यायमित्रों की नियुक्ति की. इसके बाद ये न्यायमित्र और सरकारी अधिवक्ता शहर की सड़कों का निरीक्षण करने उतरे. उन्होंने शहर के मिट्टी तेल गली, व्यापार विहार और महाराणा प्रताप चौक से तिफरा ओवरब्रिज का निरीक्षण किया.
न्यायमित्रों ने सड़कों के गड्ढों से झांकते हुए सरिया को देखा और वीडियो रिकॉर्डिंग की. इसके साथ ही अन्य सड़को के भी खस्ताहाल की रिकॉर्डिंग कर रिपोर्ट तैयार की. अब यह रिपोर्ट हाई कोर्ट में पेश की जाएगी. न्यायमित्रों के निरीक्षण की खबर लगते ही प्रशासन हरकत में आ गया. शहर में सड़क निर्माण शुरू कर दिया गया. सड़कों की लीपापोती शुरू हो गई.
नाराज हुए थे एक्टिंग चीफ जस्टिस
गौरतलब है कि 16 तारीख को नगर निगम की सीमा में आने वाले सड़कों की खस्ता हालत पर हाई कोर्ट एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा ने नाराजगी जताई थी. उन्होंने PWD सेक्रेटरी और आयुक्त नगर निगम को कड़ाई के साथ सड़कों को सुधारने का आदेश दिया था. उनके काम की समीक्षा व सड़कों की स्थिति कोर्ट को बताने के लिए एडवोकेट राजीव श्रीवास्तव, प्रतीक शर्मा और राघवेंद्र प्रधान को न्यायमित्र नियुक्त किया था. हाईकोर्ट ने न्यायमित्रों की समिति गठित करते हुए विवेकरंजन तिवारी, गगन तिवारी एवं पंकज अग्रवाल सरकारी अधिवक्ताओं को उक्त समिति के साथ सड़क सुधार कार्य की प्रगति का निरीक्षण करने का आदेश दिया था.
जनहित याचिका दायर
दरअसल याचिकाकर्ता हिमांक सलूजा ने बिलासपुर नगर निगम की सीमा के भीतर सड़कों की बदहाल स्थिति को सुधारने की मांग की है. उन्होंने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. याचिका में सड़क सुधारने हेतु निश्चित तिथि बताते हुए सेक्रेटरी एवं आयुक्त को शपथ पत्र प्रस्तुत करने एवं कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था. डिवीजन बेंच ने कहा था कि शहर के लोग सड़क की दुर्दशा से त्रस्त हैं और खराब सड़कों पर चलने को मजबूर हैं जिससे कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है.
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