रायपुर. छत्तीसगढ़ में इस बार इंटरनेशनल ट्राइबल फेस्टिवल (International tribal festival) का आयोजन किया जाएगा. इस आयोजन के साथ ही राज्योत्सव भी मनाया जाएगा. ये आयोजन राजकीय वृक्ष ‘साल’ के नाम पर होगा. इसलिए इसका नाम ‘साल इंटरनेशनल ट्राइबल फेस्टिवल और राज्योत्सव’ रखा गया है. प्रशासन ने इन उत्सवों की रूपरेखा तैयार कर ली है. यह आयोजन 29 अक्टूबर से 1 नवंबर तक रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड पर होगा.
इस आयोजन का फैसला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया. मुख्यमंत्री बघेल ने इस आयोजन को लेकर कहा कि साल छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष है. आदिवासी संस्कृति में साल वृक्ष की बड़ी महत्ता है. हमारे आदिवासी भाई साल वृक्ष को देवतुल्य मानते और पूजते हैं. आदिवासी अंचल में धूमधाम से मनाए जाने वाले सरहुल त्यौहार में साल वृक्ष की पूजा की जाती है. राजकीय वृक्ष एवं आदिवासी जनजीवन में साल वृक्ष की महत्ता को देखते हुए ट्राइबल फेस्टिवल का नाम ‘साल इंटरनेशनल ट्राइबल फेस्टिवल’ रखा जाना उपयुक्त होगा.
इतने खास कार्यक्रमों का होगा आयोजन
मुख्यमंत्री ने कहा कि साल इंटरनेशनल ट्राइबल फेस्टिवल के दौरान आदिवासियों की कला-संस्कृति, शिल्प, उनके सशक्तिकरण एवं विकास पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए. बैठक में निर्णय लिया गया कि 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल का आयोजन, 31 अक्टूबर को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की शहादत दिवस पर उनके कर्तत्व और आदिवासी जनजीवन पर परिचर्चा एवं गोष्ठी का आयोजन होगा. इसमें प्रसिद्ध वक्ता और विचारक शामिल होंगे. एक नवम्बर को राज्य अलंकरण समारोह में छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति, विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले ख्याति प्राप्त लोगों एवं संस्थाओं को राज्य अलंकरण से सम्मानित किया जाएगा.
क्राफ्ट मेला, प्रदर्शनी सहित कई कार्यक्रम
इंटरनेशनल फेस्टिवल के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त लोगों से इंटरेक्शन, प्रदर्शनी, आदिवासी कला-संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन, ट्राइबल क्राफ्ट मेला, कौशल उन्नयन सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन होगा. फेस्टिवल में देश-विदेश के कलाकार प्रस्तुति देंगे. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री निवास में आयोजित इस बैठक में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया, खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू समेत विभाग से जुड़े तमाम उच्च अधिकारी मौजूद थे.
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