चीफ जस्टिस एनवी रमना (Chief Justice NV Ramana) ने शनिवार को श्री जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple) में पूजा-अर्चना की और बाद में 12वीं सदी के इस मंदिर का मुआयना किया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वह बाद में दिन में कटक में ओडिशा (Odisha) राज्य विधिक सेवा प्राधिकारण के नए भवन का उद्घाटन करेंगे. प्रधान न्यायाधीश शुक्रवार को ओडिशा के दो दिवसीय दौरे पर आए. मंदिर के सिंह द्वार पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) के निजी सचिव वी के पांडियन, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार और जिला कलेक्टर समर्थ वर्मा ने उनका स्वागत किया.
पुजारियों में से एक ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश मंदिर के प्रांगण में 45 मिनट तक रहे और उन्होंने मंदिर में और उसके आसपास चल रहे सैंदर्यीकरण कार्य के लिए एसजेटीए की सराहना की. प्रधान न्यायाधीश की इस यात्रा के दौरान ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षक (ओडिशा सर्किल) अरुण कुमार मलिक और अन्य कई शीर्ष अधिकारी मंदिर में मौजूद थे. प्रधान न्यायाधीश आज शाम दिल्ली लौट जाएंगे.
जगन्नाथ मंदिर परिसर में स्थित अन्य मंदिरों का भी किया दौरा
रमना ने न्यायमूर्ति विनीत सरन के साथ मंदिर में शिवलिंग की पूजा की. इस दौरान मुख्य न्यायाधीश पारंपरिक पोशाक और फेस मास्क पहने नजर आए. पुजारियों और वरिष्ठ अधिकारियों से घिरे न्यायमूर्ति रमना ने 12वीं सदी के मंदिर परिसर में करीब 45 मिनट बिताए. मंदिर के मुख्य सेवक जनार्दन पट्टाजोशी महापात्र ने बताया, ‘मुख्य मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की पूजा करने के बाद, उन्होंने जगन्नाथ मंदिर परिसर में कुछ अन्य मंदिरों का दौरा किया.’
एक अन्य सेवक रजत प्रतिहारी ने कहा, ‘उन्होंने परिसर के अंदर मां बिमला, नृसिंहनाथ, महालक्ष्मी का दौरा किया.’ रजत ने बताया, ‘CJI रमना आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के एक गांव से ताल्लुक रखते हैं. हमने उन्हें दर्शकों का रिकॉर्ड दिखाया. उन्होंने संतोष व्यक्त किया और आगंतुक पुस्तिका में हस्ताक्षर किए. उन्होंने हमें ‘दक्षिणा’ भी दी.’ सूत्रों ने बताया कि उन्होंने मंदिर के दरवाजों पर चांदी की परत चढ़ाने पर खुशी जाहिर की. न्यायमूर्ति रमना ने आखिरी बार अपनी पत्नी के साथ 25 जनवरी 2020 को मंदिर के दर्शन किए थे.
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