80 भर्ती बच्चों में ज्यादातर की उम्र एक वर्ष से कम
बैकुंठपुर 19 सितम्बर (वेदांत समाचार) /कोरोना के तीसरी लहर की आशंका के बीच जिला मुख्यालय समेत अन्य ब्लॉक में वायरल बुखार और फ्लू कहर बरसाने लगा है। पीड़ितों में ज्यादातर बच्चे हैं। हालत यह है कि जिला अस्पताल में बच्चों के सभी बेड फुल हो गए हैं। अस्पताल में सामान्य वार्ड पहले ही मरीजों से भरे हुए हैं। बड़ी चिंता यह है कि बच्चों में निमोनिया, सर्दी-खांसी, तेज बुखार जैसे लक्षण के साथ ऑक्सीजन की कमी सामने आ रही है।
गंभीर 20 बच्चों को ऑक्सीजन लगाना पड़ा है। डॉक्टर बता रहे हैं कि ऐसे लक्षण से इस महीने तीन मासूम की मौत हो चुकी है। जिला अस्पताल में बच्चों के 50 बेड फुल हैं। इनमें करीब 10 बेड गैलरी में लगे हैं। अस्पताल में जगह नहीं होने से ओपीडी में फर्श पर चादर बिछाकर भर्ती कर रहे हैं। दो सप्ताह में 250 बच्चों को ऐसे लक्षणों के साथ परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे हैं। इनमें 10 फीसदी गंभीर आए हैं। अस्पताल में 80 बच्चे भर्ती थे, इनमें से 10 को डिस्चार्ज कर दिया है। 20 काे सांस लेने में तकलीफ है, जिन्हें ऑक्सीजन सपाेर्ट पर रखा है। इनमें नवजात से लेकर 7 साल तक के बच्चे अधिक हैं, लेकिन भर्ती बच्चों में 70 फीसदी की उम्र एक साल से कम है।
चाइल्ड वार्ड फुल होने के कारण ओपीडी में ही चादर बिछाकर बच्चों का किया जा रहा इलाज।
चाइल्ड वार्ड में बच्चों की पीड़ा देख परिजन की हालत हो रही खराब
अस्पताल में भर्ती बच्चाें काे खांसी-बुखार के साथ सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है। चाइल्ड वार्ड में भर्ती बच्चे के परिजन उमेश, सविता ने कहा कि बच्चे उनके सामने कराह रहे हैं। कुछ परिजन तो बच्चों के साथ फर्श पर ही बिस्तर डालकर पड़े हुए थे।
डॉक्टर बोले- कोरोना या वायरल नहीं, यह फ्लू है
सफाई: तीन बच्चों की मौत का कारण दूसरा
सीएमएचओ डाॅ.रामेश्वर शर्मा ने बताया कि कोरिया जिले में इस समय हर साल वायरल फीवर की शिकायत बच्चों में होती है और जिन तीन बच्चों की मौत हुई है , वह कार्डियक समेत अन्य कारणों से हुई है। यूपी में जो बीमारी फैल रही है, उस बीमारी से यहां के बच्चों में हो रहे वायरल में 11 प्रकार का अंतर है। मेडिकल काॅलेज में जब जरूरत होगी, तो इसकी जानकारी दी जाएगी। फिलहाल स्थित नियंत्रण में है।
250 से अधिक बच्चों की 18 दिन में ओपीडी
अस्पताल के स्टाफ ने बताया चाइल्ड वार्ड में पहले 8 से 10 बच्चे ही भर्ती रहते थे। वहीं ओपीडी संख्या महीने में 100 से 150 पहुंचती थी, लेकिन सितंबर के दूसरे सप्ताह से बच्चों की संख्या बढ़ी है। इस महीने 18 सितंबर तक ही यहां बच्चों की संख्या 250 से ऊपर निकल गई है। ऐसे में वार्ड ही नहीं, अस्पताल के शिशु राेग विभाग के ओपीडी में भी बच्चों को फर्श पर चादर बिछाकर भर्ती किया है।
नया चाइल्ड वार्ड दो महीने से अधूरा
अस्पताल में नए चाइल्ड वार्ड का काम दो महीने से अधूरा है, जबकि यहां सिर्फ वायरिंग का काम बचा है। यदि हॉल का काम जल्द पूरा हो जाए तो यहां 20 से अधिक बेड लग सकते हैं। अस्पताल स्टाफ का भी यह मानना है कि हॉल का काम समय पर यदि पूरा हो जाता तो आज बच्चों को ओपीडी में फर्श पर भर्ती नहीं करना पड़ता। परिजन ने मांग की है कि अस्पताल प्रशासन जल्द बेड के साथ समुचित व्यवस्था बनाए।
यह कहते हैं जिम्मेदार
मेडिकल टीम निगरानी कर रही, आगे स्वास्थ्य अधिकारी बताएंगे: धावड़े
कलेक्टर कलेक्टर श्याम धावड़े ने कहा कि जिले में कोविड की तीसरी लहर की आशंका को लेकर पूरी तैयारी की जा रही है। अस्पताल में बच्चों की संख्या बढ़ी है, जिसकी निगरानी की जा रही है। ज्यादा जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी देंगे।
बच्चों में निमोनिया की शिकायत चिंता की बात नहीं: सीएमएचओ
सीएमएचओ डॉ. रामेश्वर शर्मा ने कहा बच्चों के लिए ये समय सेहत के लिहाज से खास एहतियात का है। अस्पताल की ओपीडी में रोजाना बच्चों की संख्या बढ़ रही है। गंभीर हालत होने पर बच्चों को एडमिट भी किया जा रहा है। फिलहाल चिंता जैसी कोई बात नहीं है। ज्यादातर बच्चों में निमोनिया की शिकायत है। अस्पताल में बच्चों के लिए नए वार्ड बनाने की तैयारी है। वायरिंग का काम पूरा होते ही यहां बच्चों को शिफ्ट कर देंगे।
अभी जो केस आ रहे, उसमें 6 दिन बाद उतर रहा बुखार: डॉ. गुप्ता
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. एसके गुप्ता बताते हैं कि पिछले एक-दो सप्ताह से बच्चों में वायरल फीवर, निमाेनिया, डायरिया, खांसी-जुकाम के लक्षण मिल रहे हैं। वायरल फीवर से पीड़ित बच्चे का तीन दिन में बुखार उतर जाना चाहिए, लेकिन ये बुखार जाने में पांच से छह दिन तक का समय ले रहा है। इनकी कोरोना रिपोर्ट भी निगेटिव है। ऐसे में अभिभावकों को बच्चों की हेल्थ और डाइट पर विशेष फोकस करने की जरूरत है। बच्चों को इम्युनिटी बढ़ाने वाली डाइट देने पर ध्यान देना होगा।
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