पहले से ही रेल सुविधा को लेकर उपेक्षित जिले के यात्रियों से पुरानी ट्रेन भी हाथ से निकलने का डर सताने लगा है। लिंक एक्सप्रेस को पुरानी टाइमिंग में नहीं चलाने से यह संभावना बढ़ती जा रही है कि कहीं कोरबा से चलने वाली दोपहर की मेमू लोकल हाथ से न निकल जाए। दरअसल इस गाड़ी के समकक्ष रेल प्रबंधन लिंक एक्सप्रेस को चला रही है। पर्याप्त मार्जिन के बाद भी लिंक एक्सप्रेस को रायपुर से कोरबा के बीच एक घंटों विलंब से चला रही है।
अभी से अगर इस गाड़ी के लिए हमारे जनप्रतनिधियों के साथ नगर के लोगों का दबाव नहीं बना तो स्टेशन से शुरू होने वाली एक गाड़ी और कम हो जाएगी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने गाड़ी संख्या 68733, 68734 गेवरारोड-बिलासपुर-गेवरारोड को बंद करने की संभावना नजर आ रही है। जो मेमू लोकल बिलासपुर से सुबह 10.20 बजे छूटकर गेवरारोड 12.34 बजे पहुंच रही थी। उसके समय पर एसईसीआर द्वारा बिलासपुर से लिंक एक्सप्रेस को कोरबा के लिए चलाया जा रहा है।
पहले 30 मिनट के लिए तैयार हो एसईसीआर
एसईसीआर के एक जिम्मेदार अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जहां तक एलएचबी रैक से स्पीड बढ़ने की बात है, तो यह लोगों का भ्रम है। यह सही है कि इस रैक से 110 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ सकती है। लेकिन इसके लिए एलएचबी रैक के साथ रेल लाइन भी होनी चाहिए। अभी हमारी रेल लाइन 110 किमी क्षमता की है। जहां तक लिंक एक्सप्रेस को समय से पहले लाखोली पहुंचाने की बात है तो हम अभी 6.50 बजे पहुंचा रहे हैं। इस गाड़ी को हम 30 मिनट पहले अर्थात 6.20 बजे लाखोली देने तैयार है। लेकिन इस गाड़ी को 6.20 बजे लाखोली में लेने एसईसीआर को तैयार होना पड़ेगा। ऐसा हुआ तो फिर मार्जिन घटाने पर विचार हो सकता है।
लोगो में चर्चा: मेमू को छीनने रेलवे कर रहा साजिश
लिंक एक्सप्रेस को रायपुर में एक घंटा विलंब से लाया जा रहा है। इसके चलते यह गाड़ी बिलासपुर व कोरबा विलंब से पहुंच रही है। इस ट्रेन के देरी से कोरबा पहुंचने के कारण बिलासपुर से गेवरारोड आने वाली दोपहर की मेमू लोकल के लिए समय की मार्जिन नहीं मिल रही है। अगर एसईसीआर प्रबंधन चाहे तो इस गाड़ी को रायपुर से 8 बजे के स्थान पर 7.30 बजे छोड़ सकता है, क्योंकि इसके लिए एसईसीआर तैयार है। दोनों जोन के अधिकारियों में आपसी तालमेल नहीं बनने का खामियाजा जिले के यात्रियों को आगे भुगतना पड़ सकता है।
मांग की गई है, संशोधित सारणी भी सुझाव में शामिल
जिला चेंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के उपाध्यक्ष व रेल मामलों के जानकार रामकिशन अग्रवाल ने बताया कि दोपहर की मेमू लोकल को शुरू कराने के लिए लिंक एक्सप्रेस को पूर्व के समय में चलाना बेहद जरूरी है। इसके लिए बिलासपुर में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों से यह मांग की गई है। पूर्व के समय में इस ट्रेन को कैसे चलाया जा सकता है इसके लिए बकायदा संशोधित समय सारणी बनाकर सुझाव भी दिया गया है। अगर रेल प्रशासन चाहे तो लिंक एक्सप्रेस पूर्व की तरह कोरबा आ सकती है, और दोपहर की मेमू लोकल को चलाने में कोई परेशानी नहीं होगी।
बोर्ड की अनुमति मिलने पर शुरू होगी मेमू लोकल
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के अधिकारियों की माने तो पूर्व से चल रही किसी भी ट्रेन को बंद नहीं किया जाएगा। कोविड महामारी के कारण ट्रेनों के चलाने के लिए बोर्ड को प्रस्ताव दिया गया है। बोर्ड से मंजूरी मिलते ही बंद सभी ट्रेनों को वापस शुरू किया जाएगा। इसमें दोपहर की मेमू हो या रात की मेमू। सभी को नियमित चलाया जाएगा। हालांकि यह कहना आसान है लेकिन जब तक लिंक एक्सप्रेस को पूर्व के समय में रायपुर से नहीं चलाया जाएगा, तब तक दोपहर में कोरबा पहुंचने वाली मेमू लोकल को चलाना रेलवे के लिए आसान नहीं होगा।
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