कोरबा । अपराध, अपराधी, आपराधिक स्वभाव व अपराधियों के सुधार का वैज्ञानिक अध्ययन एक पेचीदा विषय है। पुलिस-प्रशासन, पत्र-पत्रिकाएं या फिर इंटरनेट मीडिया इससे जुड़े लोगों के लिए यह हमेशा से ही जिज्ञासा का केंद्र रहा है। अब कोरबा में यह एक विषय के रूप में पढ़ा जा सकेगा, जिसकी शुरुआत शासकीय ईवीपीजी कालेज से हो रही है। नए शैक्षणिक सत्र से अग्रणी संस्था में डिप्लोमा इन क्रिमिनोलाजी का नया पाठ्यक्रम शुरू हो रहा है। इस विषय में रुचि रखने वाले या करियर की प्लानिंग कर रहे युवा इस विषय में दाखिला ले सकेंगे।
अपराधशास्त्र एक वृहद क्षेत्र है, जिसकी जटिलताओं को समझना और उनका अध्ययन करना काफी रोचक हो सकता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जो प्रतिदिन हर वर्ग की दिनचर्या में दखल रखता है। समाज में अपराध के घटते-बढ़ते प्रभाव को जानने-समझने के साथ मुक्ति की दिशा में पहल करना एक अहम पहलू है, जिसके लिए अपराधशास्त्र का अध्ययन काफी अहम साबित हो सकता है।
युवाओं की रुचि और डिमांड को देखते हुए शासकीय इंजीनियर विश्वेशरैया स्नातकोत्तर कालेज ने क्रिमिनोलाजी में डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित करने का प्रस्ताव तैयार कर अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर को भेजा था। मांग और जरूरत को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय ने कालेज में पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति प्रदान की है।डिप्लोमा इन क्रिमिनोलाजी में दाखिला प्राप्त करने के इच्छुक अभ्यर्थियों को कम से कम स्नातक उत्तीर्ण होना चाहिए, जिसके अलावा अन्य मापदंडों के बारे में महाविद्यालय से संपर्क कर जानकारी प्राप्त की जा सकती है। महाविद्यालय में यह विषय स्ववित्तीय प्रणाली से संचालित किया जाएगा।
अपराध का मनोविज्ञान और सिद्धांत भीक्रिमिनोलाजी में फारेंसिक साइंस, समाजशास्त्र व अन्य सैद्धांतिक विषय का अध्ययन होगा। इनमें अपराध के सिद्धांत, आधुनिक मनोविश्लेषण, अपराध का मनोविज्ञान, अपराध विषयक हिंदू मान्यताओं, मन:शारीरिक दृष्टि समेत अन्य बाह्य कड़ियों का आंकलन अपराधशास्त्र में किया जाएगा। युगों से अपराध की व्याख्या करने का प्रयास किया जा रहा। विशेषज्ञों ने अपराध की सत्ता का इतिहासकाल से भी पूर्व की मानी है।
पूर्वी व पश्चिमी देशों के प्रारंभिक विधानों में नैतिक, धार्मिक व सामाजिक नियमों का तोड़ना समान रूप से अपराध था। एक सिद्धांत यह भी कहता है कि समुदाय का बहुमत जिसे सही बात न समझे, उसके विपरीत काम करना अपराध है।एमए इतिहास स्वीकृति, बीपीएड प्रक्रिया मेंडिप्लोमा इन क्रिमिनोलाजी समेत शासकीय पीजी कालेज में स्ववित्तीय प्रणाली से कुल दो विषय के संचालन की मंजूरी प्रदान की गई है।
इनमें क्रिमिनोलाजी के अलावा एमए इतिहास संकाय भी शामिल है, जिसमें स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए पाठ्यक्रम संचालित किया जाएगा। स्ववित्तीय प्रणाली से संचालित होने जा रहे दोनों ही शैक्षणिक सत्र 2021-22 से लागू कर दिए जाएंगे। दोनों ही विषय के लिए 30 सीट की क्षमता में एडमिशन की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है। एडमिशन के लिए निर्धारित मापदंड व प्रक्रिया समेत अन्य दिशा-निर्देशों की जानकारी कालेज के पोर्टल व सूचना पटल पर उपलब्ध है, जिसका आंकलन किया जा सकता है।
स्ववित्तीय प्रणाली में शामिल करते हुए महाविद्यालय में दो नए पाठ्यक्रम के संचालन की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें 30 सीटों पर डिप्लोमा इन क्रिमिनोलाजी व एमए इतिहास शामिल हैं। दोनों ही विषय में एडमिशन की प्रक्रिया शैक्षणिक सत्र 2021-22 में शुरू कर दी जाएगी। डिप्लोमा इन क्रिमिनोलाजी के लिए आवेदन करने 17 सितंबर तक का समय दिया गया है।- डा. आरके सक्सेना, प्राचार्य, ईवीपीजी कालेज
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