भारतीय शिक्षा रत्न अवार्ड से सम्मानित होंगी शिक्षिका श्रीमती प्रियंका गुप्ता

0 शिक्षा के क्षेत्र में प्रशंसनीय एवं उल्लेखनीय योगदान हेतु भारतीय शिक्षा रत्न अवार्ड से नवाजी जाएगी शिक्षिका श्रीमती प्रियंका गुप्ता ।

0 2 अक्टूबर 2021 को हॉटल रेडिसन उद्योग विहार गुणगाँव में भारतीय शिक्षा रत्न अवार्ड प्राप्त करेंगी श्रीमती प्रियंका गुप्ता ।

कोरबा 14 अगस्त (वेदांत समाचार)। जब से मानव सभ्यता का सूर्य उदय हुआ है तभी से भारत अपनी शिक्षा तथा दर्शन के लिए प्रसिध्द रहा है । यह सब भारतीय शिक्षा के उद्देश्यों का ही चमत्कार है कि भारतीय संस्कृति ने संसार का सदैव पथ-प्रदर्शन किया । वर्तमान युग में भी महान दार्शनिक एवं शिक्षा-शास्त्री इसी बात का प्रयास कर रहे हैं कि शिक्षा भारत में अग्रणी रहे । शिक्षा का उद्देश्य पवित्रता तथा जीवन सद्भावना, चरित्र निर्माण, व्यक्तित्व का विकास, नागरिक एवं सामाजिक कर्तव्यों का विकास इत्यादि है । लेकिन इन सभी का सार यदि हम कहें तो एक अच्छे चरित्र का निर्माण ही शिक्षा का प्रथम व अंतिम उद्देश्य है ।


यदि राष्ट्र के भविष्य की बात की जाए तो हमें कभी भी यह नहीं भूलना चाहिए कि जनंतंत्र की बागडोर उन नागरिकों के हाथ में होती है जो आज किसी न किसी विद्यालयों में पढ़ रहें हैं । दूसरे शब्दों में जनतंत्र की आत्मा शिक्षा होती है ।
उपरोक्त सभी तथ्यों का शत-प्रतिशत परिचालन करते हुए कोरबा जिले की ख्यातिलब्ध शिक्षिका श्रीमती प्रियंका गुप्ता को शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु आगामी 2 अक्टूबर 2021 को हॉटल रेडिसन, उद्योग विहार गुड़गाँव में शिक्षा के क्षेत्र का विशेष एवं गौरवशाली सम्मान भारतीय शिक्षा रत्न अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा ।


गौरतलब है कि विगत 21 वर्षों से श्रीमती प्रियंका गुप्ता निरंतर अपनी प्रतिभा से हजारों विद्यार्थियों के जीवन को ज्ञान की रश्मि से आलोकित करती आ रही है । वे जीव विज्ञान की शिक्षिका है । इसमें तो कोई संदेह नहीं कि वे अपने विषय में विशेषज्ञ हैं अपितु अपनी विशेष शिक्षण शैली के कारण वे विद्यालय, विद्यार्थियों एवं अभिभावकों की भी प्रिय रही है । उनका मधुर व्यवहार व सारगर्भित शिक्षण उन्हें अन्यों से पृथक स्वरूप प्रदान करता है । उनके द्वारा शिक्षित अधिकांश विद्यार्थी आज विभिन्न क्षेत्रों में अपनी सेवाएँ देते हुए राष्ट्र निर्माण में लीन हैं । उनके द्वारा शिक्षित अनेक विद्यार्थियों का ‘नीट’ जैसी कठिन प्रतिस्पर्धा में भी चयन हुआ है । श्रीमती प्रियंका गुप्ता ने अपनी विशेष शिक्षण कौशल के द्वारा टीचिंग लर्निंग प्रोसेस को सुगम व सुलभ बनाने में अमूल्य योगदान दिया । जिससे विद्यार्थी आसानी से किसी भी टॉपिक को समझते हैं एवं आत्मसात करते हैं । वे एक अच्छी शिक्षिका होने के साथ ही साथ व्यवहार कुशल व एक अच्छे व्यक्तित्व की धनी भी हैं । उन्होंने विभिन्न नवाचारों का प्रयोग कर कम लागत में करके सीखने को कई नए तरीके इजाद किए । श्रीमती प्रियंका गुप्ता द्वारा रचित विभिन्न शीर्षकों पर रचना सीईडी फाउंडेशन द्वारा आइकॉन बुक में शीघ्र प्रकाशित की जाएगी ।


श्रीमती प्रियंका गुप्ता की उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षण पध्दति से विद्यार्थियों के सभी शंकाओं का आसानी से समाधान हो जाता है । साथ ही श्रीमती प्रियंका गुप्ता के शिक्षण का सर्वप्रथम उद्देश्य विद्यार्थियों में एक अच्छे चरित्र का निर्माण व निरंतर नैतिक मूल्यों का विकास करना है । यहाँ बताना लाजिमी है कि श्रीमती प्रियंका गुप्ता ने गरीब व पिछड़े विद्यार्थियों की शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान दिए हैं । श्रीमती प्रियंका गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय शिक्षा रत्न अवार्ड प्राप्त करना हर्ष की अनुभूति करता है साथ ही इस सम्मान को प्राप्त कर और अधिक उत्साह और ऊर्जा के साथ शिक्षा की अलख जलाने व जगाने की ओर अग्रसर होना है । अच्छी शिक्षा देकर एक शिक्षित व जिम्मेदार समाज का निर्माण करना ही एक मात्र उद्देश्य है । क्योंकि बिना शिक्षा के हम एक सुखमय व समृध्द भारत की कल्पना नहीं कर सकते । आज हमें भावी पीढ़ी को बताना होगा कि शिक्षा का उद्देश्य मात्र रोजगार प्राप्त कर जीवन यापन करना नहीं है अपितु चरित्र निर्माण व नैतिक मूल्यों को आत्मसात करना भी है । आज हम केवल शिक्षा से ही अपनी सभ्यता, संस्कृति व अपने अमूल्य धरोहरों को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं । विश्व में भारत का अद्वितीय व आदरपूर्ण स्थान केवल शिक्षा, सभ्यता व संस्कृति के ही कारण है । आज किसी भी स्थिति में इनका संरक्षण व संवर्धन अतिआवश्यक है ।

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