जल जीवन मिशन: केंद्रीय मंत्री शेखावत ने महिलाओं के प्रयासों को सराहा, बताया ‘शक्ति’ का प्रतीक

नई दिल्ली. केंद्र सरकार में जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने महिलाओं के हो रहे विकास की खास व्याख्या की है. उन्होंने कहा है, ‘महिलाएं, चाहे कॉर्पोरेट बोर्ड रूम में हों या इस देश के दूर के किसी गांव में चिलचिलाती धूप में हों, उनमें समाज में बदलाव लाने की एक दृढ़ता होती है.’ ऐस ही सरकार के जल जीवन मिशन में हो रहा है. उन्होंने आंतरिक सरकारी पत्र में लिखकर समझाया है कि कैसे विशाल पेय जल योजना की लाभार्थियों से लेकर महिलाएं नेताओं और प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन और पंप ऑपरेटर्स के तौर पर तैयार हो रही हैं.

उन्होंने महिलाओं को ‘शक्ति’ का प्रतीक बताया है. शेखावत ने लिखा कि महिलाएं हमेशा पीएम नरेंद्र मोदी की ‘सबका साथ, सबका विकास’ विचारधारा के केंद्र में रही हैं और हर सरकारी योजना, फिर चाहे वह उज्जवला, स्वच्छ भारत मिशन, पीएम जन धन और पोषण हो, सभी महिलाओं की तरफ ही बढ़ी हैं. उन्होंने कहा, ‘सरकार की अधिकांश नीतियों में महिलाएं मुख्य लाभार्थी हैं, कुछ में महिलाएं नेतृत्व भूमिका में भी है, लेकिन बदले हुए जल जीवन मिशन में वे दोनों हैं.’

शेखावत ने कहा कि जल जीवन मिशन ने यह आदेश दिया है कि योजना के तहत ग्रामीण जल और स्वच्छता समिति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 50 फीसदी है. हर गांव में पांच महिलाएं फील्ड वाटर टेस्टिंग की ट्रेनिंग हासिल करने के बाद किट के साथ जल गुणवत्ता निगरानी का नेतृत्व कर रही हैं. मंत्री का कहना है कि महिलाओं को प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन और पंप ऑपरेटर के तौर पर भी प्रशिक्षित किया जा रहा है.

उन्होंने लिखा, ‘गांव में पेयज आपूर्ति योजना में योजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन और संचालन के हर मिनट के पहलू के साथ महिलाएं अग्रणी भूमिका निभाती हैं. इस तरह से महिलाओं के छिपे हुए नेतृत्व के हुनर और स्वभाविक ज्ञान को पूरे उपयोग में लाया जा रहा है.’ मंत्री ने दावा किया ‘इन महिलाओं के मूक संकल्प ने’ उन्हें ‘नया आत्मविश्वास और आवाज’ दी है.

उनका कहना है कि मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, राजस्थान जैसे कई राज्यों में महिलाएं पेयजल आपूर्ति की जिम्मेदारी के लिए भी सक्रिय रूप से आगे आ रही हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात में थोड़ा भी संदेह नहीं है कि ये अग्रणी महिलाएं अपनी क्षमताओं और इच्छाशक्ति के जरिए पर्याप्त और व्यवस्थित जल प्रणाली चलाएंगी.’ पीएम की तरफ से हाल ही में स्वतंत्रता दिवस पर दिए हुए संबोधन का जिक्र भी न्यूजलेटर में है, जहां उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की थी कि जल जीवन मिशन में दो सालों के अंदर 4.5 करोड़ परिवारों को नल का पेयजल मिलना शुरू हो गया है. पीएम ने कहा था, ‘करोड़ों माताओं और बहनों का आशीर्वाद हमारी ताकत है.

शेखावत ने लिखा कि हर ग्रामीण परिवार तक नल पेयजल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन का उपाय पहली बार पीएम मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए आया था. वे कहते हैं, ‘जिन महिलाओं को पूरे घर के लिए पानी लाने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है, फिर चाहे बारिश हो, सूका हो या ठंड, उन्हें पानी के भारी मटकों के साथ लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. यह काम हर उम्र और स्थिति की महिलाओं को मिलता है. उनके जीवन में जल जीवन मिशन एक आशीर्वाद के तौर पर आया है.’

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