Karnal Farmer Protest : किसानों और सरकार के बीच गतिरोध खत्म, लाठीचार्ज में जान गंवाने वाले किसान के परिजनों को मिलेगी नौकरी…SDM की होगी छुट्टी!

करनाल में किसानों और सरकार के बीच गतिरोध खत्म हो गया है. दोनों पक्षों ने मिलकर समाधान निकाल लिया है. हरियाणा सरकार ने पिछले महीने किसानों और पुलिस के बीच हुई झड़प में शनिवार को जांच के आदेश दिए. दोनों पक्षों के बीच विवाद के केंद्र में रहे भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी को अवकाश पर भेज दिया गया है. इसके बाद, किसानों ने कहा कि वह करनाल जिला मुख्यालय के बाहर जारी अपने प्रदर्शन को वापस ले लेंगे.

हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने करनाल में मीडिया को बताया कि जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे. उन्होंने बताया कि जांच एक महीने के भीतर पूरी होगी और पूर्व उपसंभागीय जिलाधिकारी (एसडीएम) आयुष सिन्हा इस दौरान अवकाश पर रहेंगे.

देवेंद्र सिंह ने यह भी घोषणा की कि उस किसान के परिवार के दो सदस्यों को नौकरी दी जाएगी, जिसके बारे में प्रदर्शनकारियों ने दावा किया था कि लाठीचार्ज के दौरान घायल होने के बाद उसकी मौत हो गई थी. इस आरोप से प्रशासन ने पहले इनकार किया था.

प्रशासन के आश्‍वासन पर माने किसान 

किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि वे अब करनाल जिला मुख्यालय के बाहर अपने धरने को समाप्त कर देंगे. करनाल में प्रशासन,किसान नेताओं की संयुक्त प्रेस वार्ता के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, हमने एक नौकरी और मुआवजा मांगा था, मौत की भरपाई नहीं हो सकती  लेकिन प्रशासन ने दो परिजनों DC रेट पर नौकरी पर रखने की बात मान ली है, एक सप्ताह में नियुक्ति हो जाएगी.अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग पर हमारी सहमति बनी है कि अगर अब मुकदमा दर्ज होता है तो अधिकारी कोर्ट में जाकर FIR रद्द करवा सकता है. लेकिन अगर हाईकोर्ट के रिटायर्ड की जज की जांच में आता है तो मुकदमा दर्ज किया जाएगा, ये सहमति बनी है.

पूरे मामले की होगी न्‍यायिक जांच, तब तक छुट्टी पर रहेंगे SDM

हरियाणा के करनाल के जाट भवन में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी और किसान कमेटी के अन्य नेताओं ने तमाम किसानों की प्रशासन के साथ सहमति बनी. करनाल प्रशासन के साथ हुए फैसलों के बारे में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने प्रदर्शनकारी किसानों को जानकारी दी.

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि प्रशासन ने भरोसा दिया है कि किसानों के सिर फोड़ने की बात कहने वाले एसडीएम आयुष सिन्हा को जांच पूरी होने तक छुट्टी पर भेजा जा सकता है और पूरे मामले की पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से ज्यूडिशियल इंक्वायरी करवाई जाएगी और रिपोर्ट आने तक एसडीएम छुट्टी पर रहेंगे.

कई दिनों से धरना दे रहे थे किसान 

करनाल में 28 अगस्त को भाजपा के बैठक स्थल की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे किसानों की पुलिस के साथ झड़प हो गई थी जिस दौरान लगभग 10 प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे. इसके बाद 28 अगस्त को पुलिस लाठीचार्ज के खिलाफ किसानों ने करनाल में जिला मुख्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया था.

किसान भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी सिन्हा के निलंबन की मांग कर रहे थे जो पुलिसकर्मियों को किसानों का “सिर फोड़ देने” के लिए कथित तौर पर आदेश देते सुने गए थे.

किसानों ने सरकार को दिया था अल्टीमेटम

वहीं शुक्रवार को चार घंटे हुई बारिश में 13 किसान नेताओं के साथ 1 वकील भी शामिल हुआ था.  इससे पहले आंदोलनकारी किसानों ने सरकार को अल्टीमेटम दिया था. हरियाणा के किसान नेता जगदीप सिंह औलख ने कहा था कि करनाल में धरने वाली जगह पर 11 सितंबर को बैठक होगी. इसी बैठक में आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया जाएगा. आज अब इस मामले का निस्‍तारण हो गया.

[metaslider id="122584"]
[metaslider id="347522"]