IPS में विश्व हिंदी सप्ताह पर द्वितीय दिन हुए पोस्टर मेकिंग, भाषण, कविता वाचन प्रतियोगिता का किया गया आयोजन

विद्यार्थियों ने हिंदी भाषा से जुड़े रोचक तत्व पर प्रकाश डाला ।

आई.पी.एस. के बच्चों ने जाना हिन्दी भाषा के प्रति हमारा दायित्व।

वक्ताओं की ताकत भाषा लेखक का अभिमान है भाषा-डॉ. संजय गुप्ता ।

हिंदी है भारत की भाषा हिंदी है भारत की भाषा-डॉ. संजय गुप्ता ।

हिंदी हमारी पहचान, हमारा गर्व- डॉ. संजय गुप्ता ।

कोरबा 9 सितंबर (वेदांत समाचार) जन्म से हम जिस भाषा का प्रयोग करते हैं, वहीं हमारी मातृभाषा है । या हम कह सकते हैं कि जो भाषा हम अपनी माँ से या अपने परिवार से सीखते हैं, उसे ही मातृभाषा के रूप में परिभाषित किया जाता है । सभी संस्कार एवं व्यवहार इसी के द्वारा हम पाते हैं । इसी भाषा से हम अपनी संस्कृति के द्वारा जुड़कर उसकी धरोहर को आगे बढ़ाते हैं । भारतवर्ष के हर प्रान्त की अलग भाषा, संस्कृति है, एक अलग पहचान है । उनका अपना एक विशिष्ट भोजन, संगीत और लोकगीत है । इस विशिष्टता को बनाये रखना, इसे प्रोत्साहित करना अति आवश्यक है ।


वर्तमान समय में बच्चे अपनी मातृभाषा भी भूलते जा रहे हैं । क्योंकि धीरे-धीरे अपनी मातृभाषा में बात न करना फैशन सा बनता जाता है, इससे गाँव और शहर के बच्चों में दूरियाँ बढ़ती है । गाँव देहात के बच्चे जो सबकुछ अपनी मातृभाषा, लोकभाषा में सीखते हैं, अपने को हीन और शहर के बच्चे जो सबकुछ अंग्रेजी में सीखते हैं, स्वयं को श्रेष्ठ बेहतर समझने लगते हैं । इस दृष्टिकोण में बदलाव आना चाहिए । हमारे बच्चों को अपनी मातृभाषा और उसी में ही दार्शनिक भावों से ओतप्रोत लोकगीतों इत्यादि का आदर करते हुए सीखना चाहिए नहीं तो हम अवश्य ही कुछ महत्वपूर्ण खो देंगें ।

विश्व मातृभाषा दिवस के अवसर पर दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में मातृभाषा हिन्दी को बढ़ावा देने व अपनी भाषा के ज्ञान एवं सम्मान करने विविध आयोजन किए गए । कार्यक्रम के दूसरे दिन कक्षा पहली से पाँचवीं तक कविता वाचन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें बहुत सुंदर एवं आकर्षक मातृभाषा हिंदी की कविताएँ प्रस्तुत की गई । इसी क्रम में कक्षा छठवीं से आठवीं कक्षा पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । जिसमें सभी विद्यार्थियों ने अपने मन के भावों को पोस्टर में अंकित किए और मातृभाषा के प्रति अपनी प्रेम प्रकट कर मातृभाषा की वर्तमान स्थिति पर प्रेरणादायक छवि बनाई । इसी क्रम में नवमीं से बारहवीं तक के बच्चों ने हिंदी भाषा के महत्व विषय पर भाषण प्रतियोगिता हुआ जिसमें कक्षा दसवीं की छात्रा मिशा सिंधु ने प्रथम स्थान हासिल किया । प्राची सिहाग द्वितीय स्थान एवं तमन्ना सिंधु ने तृतीय स्थान हासिल किया । कार्यक्रम के अंत में छात्र-छात्राओं को प्राचार्य द्वारा प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया ।

इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि हिंदी दिवस को उस दिन को याद करने के लिए मनाया जाता है जिस दिन हिंदी हमारे देश की आधिकारिक भाषा बन गई। यह हर साल हिंदी के महत्व पर जोर देने और हर पीढ़ी के बीच इसको बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है जो अंग्रेजी से प्रभावित है। यह युवाओं को अपनी जड़ों के बारे में याद दिलाने का एक तरीका है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कहाँ तक पहुंचे हैं और हम क्या करते हैं अगर हम अपनी जड़ों के साथ मैदान में डटे रहे और समन्वयित रहें तो हम अपनी पकड़ मजबूत बना लेंगे।

यह दिन हर साल हमें हमारी असली पहचान की याद दिलाता है और देश के लोगों को एकजुट करता है। जहां भी हम जाएँ हमारी भाषा, संस्कृति और मूल्य हमारे साथ बरकरार रहने चाहिए और ये एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करते है। हिंदी दिवस एक ऐसा दिन है जो हमें देशभक्ति भावना के लिए प्रेरित करता है। जहाँ अंग्रेजी एक विश्वव्यापी भाषा है और इसके महत्व को अनदेखा नहीं किया जा सकता है वहीँ हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम पहले भारतीय हैं और हमें हमारी राष्ट्रीय भाषा का सम्मान करना चाहिए। आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाने से साबित होता है कि सत्ता में रहने वाले लोग अपनी जड़ों को पहचानते हैं और चाहते हैं कि लोगों द्वारा हिंदी को भी महत्व दिया जाए। आज के समय में अंग्रेजी की ओर एक झुकाव है जिसे समझा जा सकता है क्योंकि अंग्रेजी का इस्तेमाल दुनिया भर में किया जाता है और यह भी भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। यह दिन हमें यह याद दिलाने का एक छोटा सा प्रयास है कि हिंदी हमारी आधिकारिक भाषा है और बहुत अधिक महत्व रखता है।

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