कोरोना उपचार के नाम पर देशभर के निजी अस्पतालों ने जिस तरह की लूट मचा रखी है, उसका कोई ओर—छोर नहीं है। ताजा मामला राजधानी दिल्ली के साकेत का सामने आया है, जहां पर एक मरीज के कोरोना उपचार का बिल 1 करोड़ 60 लाख रुपए थमाया गया है। कोरोना से तो जान बच गई है, लेकिन बिल देखकर किसी को भी हार्ट अटैक आ सकता है।
देश की राजधानी दिल्ली में निजी अस्पताल की मनमानी का बड़ा मामला सामने आया है। दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स हॉस्पिटल द्वारा कोरोना के मरीज को 1 करोड़ 60 लाख रुपये का बिल पकड़ाए जाने के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी देश में प्राइवेट अस्पतालों पर रेगुलेशन की मांग कर रही हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक पीड़ित कोरोना मरीज को 28 अप्रैल को अस्पताल में एडमिट किया गया था। मरीज को 6 सितंबर को डिस्चार्ज करते हुए अस्पताल ने डेढ़ करोड़ से ज्यादा का बिल पकड़ा दिया। जिसके बाद मरीज के परिजन मालवीय नगर से विधायक आम आदमी पार्टी नेता सोमनाथ भारती के पास गए। इस मामले में सोमनाथ भारती ने अस्पताल से बातचीत की।
सोमनाथ भारती ने कहा, “यह बहुत ही आश्चर्यचकित करने वाला मसला है। कोरोना उपचार के नाम पर 1 करोड़ 60 लाख का बिल किसी का भी बीपी बढ़ा सकता है। भारती ने बताया कि उन्होंने अस्पताल से पूछा है कि आपने शरीर में ऐसा क्या लगाया है कि बिल एक करोड़ से ज्यादा का आया है। मैंने उनसे डिस्काउंट देने के लिए कहा है।”
इस पूरे मामले में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के दबाव में आकर मैक्स अस्पताल ने 1 लाख रुपए का डिस्काउंट दिया है। इस मामले को लेकर सोमनाथ भारती ने कहा कि सबसे बुरी बात यह है कि मेरे कहने के बाद भी उन्होंने 1 लाख का डिस्काउंट दिया। 1 करोड़ 60 लाख के बिल में से केवल एक लाख रुपये कम किए गए। मैंने कहा कि यह एक लाख भी मुझसे लेकर के जाओ और उनको पूरे पैसे दे दो।
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