कोरबा । आकांक्षी जिले में शामिल आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिले में शिक्षा व्यवस्था सत्ता के संरक्षण में सिसक रही है। नेताओं के करीबी रायपुर के तिरुपति ट्रेंडिंग कंपनी प्राईवेट लिमिटेड ने जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में आधा दर्जन हाईस्कूल भवन निर्माण का ठेका तो ले लिया ,पर पौने 4 करोड़ की लागत से स्वीकृत भवन 5 साल बाद भी भवन तैयार नहीं कर सकी। हालात ये है कि जिन्होंने खुद वहाँ पढ़ने का सपना देखा था अब वे भवन निर्माण की गति को देखकर वहाँ अपने बच्चों को पढ़ाने का ख्वाब देख रहे हैं।
यहाँ बताना होगा कि आरएमएसए ( वर्तमान संसोधित नाम समग्र शिक्षा ) के तहत वित्तीय वर्ष 2017 -18 में रायपुर के तिरूपति ट्रेंडिंग प्राईवेट लिमिटेड ने आरएमएसए के तहत जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों के आधा दर्जन हाईस्कूल भवन निर्माण का ठेका प्राप्त किया था।सपलवा ,हरनमुड़ी,फुलसरी ,चिर्रा,तनेरा एवं पाली में स्वीकृत प्रत्येक भवन के लिए 62 लाख 63 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। इस तरह कुल 3 करोड़ 76 लाख 98 हजार स्वीकृत किए गए थे। सभी भवनों का ठेका फर्म ने निविदा प्रक्रिया में भाग लेकर 16 प्रतिशत बिलो दर में प्राप्त किया था। 10 एवं 23 अक्टूबर को कार्यादेश जारी किया गया था। बकायदा उक्त भवनों के लिए 47 लाख 12 प्रति भवन की दर से कुल 2 करोड़ 82 लाख 72 हजार का आबंटन जारी किया गया था।क्रियान्वयन एजेंसी लोक निर्माण विभाग के द्वारा कराए जा रहे इस कार्य को फर्म को अनुबंध अनुसार 8 माह की समयावधि में जून 2018 तक सभी भवनों को तैयार कर लिया जाना था। लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहें कि सभी भवन आज 5 साल बाद भी अधूरे हैं। जिसकी वजह से यहाँ अध्ययनरत बच्चों को उधार के तँग भवनों में ही विद्यार्जन करना पड़ रहा है।भवन निर्माण की चाल देखकर जिन्होंने खुद वहाँ पढ़ने का सपना देखा था अब वे भवन निर्माण की गति को देखकर वहाँ अपने बच्चों को पढ़ाने का ख्वाब देख रहे हैं।
एक भवन का निर्माण बन्द ,दो के बैलेंस वर्क का लगा रिटेंडर
क्रियान्वयन एजेंसी लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत कराए जा रहे आधा दर्जन स्कूल भवन 5 साल बाद भी अधूरे हैं इतनी समयावधि में एनएच फोरलेन ,सिक्सलेन सड़क तैयार कर लेती है। फुलसरी का भवन निर्माण कार्य बन्द है यहाँ भू -तल लिंटर लेबल तक जोड़ाई कार्य हुआ है। वहीं तनेरा एवं पाली हाईस्कूल भवन के शेष कार्य के लिए पुनः द्वितीय निविदा आमंत्रित की गई है। तनेरा में भूतल लिंटल लेबल का कार्य अपूर्ण है वहीं पाली में भू -तल स्लेब हेतु शटरिंग का कार्य अपूर्ण है। सपलवा एवं हरनमुड़ी का कार्य फिनिसिंग स्तर पर है। फर्म को सभी 6 भवनों के लिए 91 लाख 94 हजार का भुगतान हो चुका है।
मंत्री जी के करीबी हैं नोटिस का नहीं होता असर
सूत्रों के अनुसार तिरुपति ट्रेंडिंग प्राईवेट लिमिटेड डी क्लास के ठेकेदार प्रदेश के एक कद्दावर मंत्री के करीबी हैं। यही वजह है कि 5 साल बाद भी हाईस्कूल भवन अधूरा लटकाए रखने पर भी विभाग फर्म पर नोटिस जारी करने के अलावा कोई कार्यवाई नहीं कर सकी। बताया जा रहा है टर्बिनेट करने की कार्यवाई से पहले ही मंत्रालय अफसरों तक फोन की घण्टी बजने लगती है। इन सबमें आदिवासी अंचल के बच्चों का अहित हो रहा है।
उधार के तँग भवनों में कब तक लगेगी कक्षाएँ
स्वीकृत भवन के 5 साल बाद भी अधूरे होने की वजह से माध्यमिक शालाओं के अतिरिक्त कक्ष में हाईस्कूल का संचालन हो रहा है। जहाँ बच्चों को ढंग से बैठने की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है। जबकि हाईस्कूल भवन बनने की शुरुआत होते ही स्वीकृत स्थल के गांव सहित नजदीकी गांव के बच्चों के मनः पटल पर एक सर्वसुविधायुक्त भवन की छवि प्रतिबिम्बित हुई होगी। हर साल यहाँ पढ़ने का ख्वाब देखने वाले बच्चों को निराश होना पड़ रहा है। ग्रामीण भी शासन प्रशासन को कोस रहे हैं। बताया जा रहा है सभी स्कूलों में दाखिले की दर में भी पिछले 4 सालों में भारी कमी आई है। जो चिंता का विषय है।
रुचि नहीं ले रहा ठेकेदार नोटिस जारी किया है
भवन निर्माण कार्य में ठेकेदार रुचि नहीं ले रहा है। कई मर्तबा नोटिस जारी कर चुके हैं। 3 भवनों का कार्य प्रगति पर है एक बन्द हैं। दो का रिटेंडर लगा है।
ए .के.वर्मा ईई ,पीडब्ल्यूडी कोरबा
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