मछली पालन से जिले के 6,500 मत्स्य पालकों मिला रोजगार…जिले के 7,397 तालाबों और 86 जलाशयों में मत्स्य पालन

जांजगीर-चांपा 04 सितंबर (वेदांत समाचार)। मछली पालन विभाग की योजनाओं का सकारात्मक क्रियान्वयन से जिले के मत्स्य पालन ब्यावसाय से जुड़े लोगों को अच्छा लाभ मिल रहा है।इस ब्यावसाय से जुड़े जिले के साढ़े छः हजार मत्स्य पालक लाभान्वित हो रहे हैं।जिले के 7,397 तालाबों और 86 जलाशयों में मत्स्य पालन किया जा रहा है तो हजारों लोगों की आजीविका का साधन बना हुआ है।


छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जल संग्रहण संरचनाओं के जरिए किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए लगातार पहल की जा रही है। जल संग्रहण संरचनाओं एक तरफ जहां लोगों को रोजगार मिल रहा है वहीं किसानों को अपनी फसल के लिए सिंचाई की सुविधा भी मिल रही है। गांव में कई जरूरतमंदों को मत्स्य व्यवसाय से रोजगार भी मिल रहा है। जांजगीर-चांपा जिले में 6,500 मत्स्य पालक इस व्यवसाय से जुड़कर अपना जीवन यापन कर रहे है। जिले के मत्स्य पालकों को विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप मछली पालक किसानों और मछली व्यावसायियों में खुशहाली का महौल है। वहीं वे आर्थिक रूप से समृद्ध हो रहे है।


जिले में कृषि के साथ-साथ तालाबों और जलाशयों में बड़ी संख्या में मछली पालन का कार्य किया जा रहा है। जिले के 7,682 ग्रामीण तालाब जिनका जलक्षेत्र 10442.00 हेक्टेयर है, जिसमें से 7397 ग्रामीण तालाब (जलक्षेत्र 10306.00 हेक्टेयर) में मछली पालन किया जा रहा है। जिले में सिचाई जलाशय 86 (जलक्षेत्र 1659 हेक्टेयर) में मत्स्य पालन का कार्य भी किया जा रहा है।


मछली बीज उत्पादन एवं संचयन के लिए जिले में 03 हैचरी एवं 06 शासकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्र स्थापित है। शासकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्रों से मत्स्य पालकों को रियायती शासकीय दर पर मत्स्य बीज उपलब्ध कराई जाती है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में जिले को 1550 लाख स्पॉन मत्स्य बीज का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। जिसके विरूद्ध 1556 लाख का उत्पादन किया जा चुका है। स्टेण्डर्ड फ्राई (मत्स्य अंगुलिका) का लक्ष्य 300 लाख का प्राप्त हुआ था, जिसके विरूद्ध 80,000 स्टेण्डर्ड फ्राई (मत्स्य अंगुलिका ) का उत्पादन कार्य किया जा चुका हैं। वर्तमान में मत्स्य बीज उत्पादन का कार्य प्रगति पर है।

मछली पालक किसानो को राज्य सरकार द्वारा सतत प्रोत्साहन –

राज्य सरकार ने को -ऑपरेटिव बैंक से ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने और किसानों को दी जाने वाली बिजली दरों में छूट हेतु योजना बनाई जा रही है। मत्स्य उत्पादन और मत्स्य बीज उत्पादन के मामले में भी छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है। मत्स्य पालन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ रज्य 6 वें स्थान पर हैं। पिछले दो वर्षां में प्रदेश में मत्स्य बीज उत्पादन में 13 प्रतिशत और मत्स्य उत्पादन में 9 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

विपणन – मछली व्यवसाय को प्रोत्साहित करने एवं सर्वसुविधायुक्त बाजार उपलब्ध कराने के लिए जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय में हाईजेनिक फिश मार्केट तैयार किया जा रहा है। यहां करीब 500 मछली व्यावसायियों को लाभ मिलेगा। सुरक्षित वातावरण में मछली खराब नहीं होगी।
मछुआरों के लिए दुर्घटना बीमा – मछली पालकों को जीवन सुरक्षा प्रदान करते हुए 5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ राज्य में वर्ष 2021 में कुल 2,20,353 मछुआरों का दुर्घटना बीमा किया गया है।
स्वयं की भूमि पर तालाब निर्माण – प्रदेश में सघन मत्स्य पालन और क्लस्टर बेस्ड फार्मिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शासकीय अनुदान पर स्वयं की भूमि में तालाब निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। राज्य में वर्ष 2019-20 में 4742 तालाब (4334 हेक्टेयर) का तालाब निर्माण करवाया गया है।
एनजीजीबी – राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी एनजीजीबी योजना के तहत गौठान ग्रामो में स्थित तालाबों में मत्स्य बीज का संचय किया जा रहा है। साथ ही गौठान के साथ जुड़े महिला स्वसहायता समूहों को मछली पालन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही व्यवसाय के लिए समूहों को तालाब भी आबंटित किये जा रहे है।
नील क्रान्ति योजना –
इस योजना के तहत फुटकर मछली विक्रेताओें को आटोवाहन और आईसबॉक्स खरीदने पर 80 हजार रूपये तक का अनुदान भी स्वीकृत किया जाता है।
निःशुल्क आईसबॉक्स – फुटकर मछली विक्रेताओं को मछली सुरक्षित रखने के लिए निःशुल्क आईसबॉक्स दिया जाता है।
जाल नेट – मछली पालन करने वाले समूहों को प्रोत्साहित करते हुए उन्हे तालाब या जलाशय से मछली पकड़ने के लिए जाल नेट भी प्रदान किया जाता है।

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